वाराणसी, 14 जुलाई 2025: सावन के पहले सोमवार को काशी नगरी भगवान शिव की भक्ति में डूब गई। बाबा विश्वनाथ के दर्शन को तड़के से ही श्रद्धालुओं का रेला उमड़ पड़ा, जिसने बनारस की गलियों, घाटों और मंदिर परिसर को आस्था के रंग में रंग दिया। ड्रोन कैमरों ने इस अलौकिक नजारे को नई ऊंचाइयों से कैद किया, जहां हर कोना श्रद्धा और उत्साह से सराबोर दिखा।
गोदौलिया से लेकर मैदागिन और काशी विश्वनाथ धाम तक, भक्तों की लंबी कतारें देखते ही बनती थीं। काशी विश्वनाथ धाम, जो भारत की आध्यात्मिक धरोहर का प्रतीक है, आज भक्तों के अटूट विश्वास का जीवंत चित्र प्रस्तुत कर रहा था। ड्रोन से ली गई तस्वीरों में गंगा घाटों पर स्नान करते श्रद्धालु, मंदिर की ओर बढ़ते कदम और भक्ति में लीन चेहरे काशी की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक शक्ति को दर्शा रहे थे।
प्रशासन ने भी इस महापर्व को सुगम बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। सुरक्षा व्यवस्था, पेयजल और मेडिकल सुविधाओं के पुख्ता इंतजामों ने भक्तों के उत्साह को और बढ़ाया। काशी की यह भक्ति-सरिता, जो ड्रोन की नजरों से और भी मनोरम दिखी, साबित करती है कि यह नगरी आज भी आस्था की धड़कन है।
“काशी में सावन का हर सोमवार आध्यात्मिक उड़ान है, और ड्रोन की ये तस्वीरें उस उड़ान की कहानी बयां करती हैं।”