कजान (रूस), 23 अक्टूबर 2024:
भारत और चीन के बीच एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) पर तनाव को कम करने के लिए हुए समझौते के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की आज रूस के कजान शहर में मुलाकात होने जा रही है।
यह मुलाकात बेहद अहम मानी जा रही है, क्योंकि दोनों नेताओं के बीच यह औपचारिक बैठक लगभग 5 साल बाद हो रही है।कजान में आज से ब्रिक्स (ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) सम्मेलन का पहला दिन है, और इस दौरान पीएम मोदी और शी जिनपिंग की बहुप्रतीक्षित मुलाकात पर सभी की निगाहें टिकी हैं।
इस बैठक के एजेंडे में कौन से मुद्दे प्रमुख होंगे, इसे लेकर कई अटकलें लगाई जा रही हैं। भारत और चीन के बीच हाल ही में पूर्वी लद्दाख के एलएसी पर पेट्रोलिंग और सैनिकों की वापसी के समझौते के बाद इस मुलाकात को और भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में अहम कूटनीतिक तस्वीर
कजान से एक महत्वपूर्ण तस्वीर सामने आई है, जिसमें तीन प्रमुख नेता – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग – एक साथ खड़े नजर आ रहे हैं।
यह तस्वीर वैश्विक मंच पर कूटनीति की अहमियत को दर्शाती है, जिसमें ऐसा प्रतीत हो रहा है कि पुतिन, मोदी और जिनपिंग के बीच एक मध्यस्थ की भूमिका निभाते दिख रहे हैं।
इस तिकड़ी की तस्वीर ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया और विश्लेषकों का ध्यान अपनी ओर खींचा है, क्योंकि इन नेताओं का एक साथ आना अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में नए समीकरणों का संकेत हो सकता है।
भारत-चीन तनाव के बाद पहली मुलाकात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग की पिछली मुलाकात 2019 में ब्राजील में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी। इसके बाद से पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर काफी तनाव देखने को मिला था, लेकिन हाल ही में दोनों देशों ने डेमचौक और देपसांग क्षेत्रों से अपनी सेनाओं को पीछे हटाने और पेट्रोलिंग को पहले की तरह जारी रखने पर सहमति जताई है।
इस महत्वपूर्ण समझौते के बाद, यह द्विपक्षीय मुलाकात हो रही है, जिसे भारत और चीन के बीच संबंधों को सुधारने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने मंगलवार को इस मुलाकात की पुष्टि की, जिससे यह संकेत मिला कि दोनों देशों के बीच संवाद फिर से खुलने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं।
वैश्विक राजनीति पर संभावित प्रभाव
जब पीएम मोदी और शी जिनपिंग आज कजान में मिलेंगे और हाथ मिलाएंगे, तो यह न केवल भारत और चीन के लिए बल्कि वैश्विक राजनीति के लिए भी महत्वपूर्ण क्षण होगा। अमेरिका समेत कई देशों की निगाहें इस मुलाकात पर टिकी होंगी, क्योंकि यह दोनों देशों के बीच लंबे समय से चली आ रही सीमा विवाद के बाद हो रही है।
कई विश्लेषकों का मानना है कि इस बैठक में व्यापार और आर्थिक संबंधों पर भी चर्चा हो सकती है। भारत, रूस, और चीन का एक साथ आना पश्चिमी देशों, खासकर अमेरिका के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत हो सकता है। यदि ये तीनों नेता वैश्विक मुद्दों पर एकजुट होते हैं, तो यह वैश्विक राजनीति में बड़े बदलाव का सूचक बन सकता है।
कजान में होने वाली यह मुलाकात वैश्विक मंच पर आने वाले दिनों में नए समीकरण और संभावनाओं को जन्म दे सकती है।