कटड़ा स्थित माता वैष्णो देवी के दरबार में मंगलवार को आग लग गई। कालिका भवन के पास काउंटर नंबर दो के नजदीक आग ने तांडव मचाया। आग पर काबू पाने के लिए बड़े पैमाने पर बचाव कार्य चलाया गया। बता दें कि जहां आग लगी उस स्थान से प्राकृतिक गुफा की दूरी तकरीबन सौ मीटर है। आग की लपटें भैरो घाटी तक दिखाई दीं।
जानकारी के मुताबिक वीआईपी गेट के पास काउंटिंग रूम में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। आनन-फानन कर्मियों ने बचाव कार्य शुरू करने के साथ ही श्राइन बोर्ड के अधिकारियों को इसकी सूचना दी।
सूचना पर बोर्ड के फायर विंग के जवान मौके पर पहुंचे और आग पर काबू पाने में जुट गए। कड़ी मशक्कत के बाद फायर विंग के जवानों ने आग पर काबू पाया। फिलहाल नुकसान के बारे में अभी तक श्राइन बोर्ड की ओर से कोई बयान नहीं आया है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि इस अग्निकांड में लाखों रुपये का नुकसान हुआ है।
गौरतलब है कि मार्च महीने से कोरोना महामारी के चलते सुस्त पड़ी वैष्णो देवी यात्रा में कोरोना कर्फ्यू हटते ही इजाफा होने लगा है। मई में जहां एक हजार से-डेढ़ हजार भक्त मां के दरबार में हाजिरी लगा रहे थे, वहीं जून में रोजाना का आंकड़ा दो से तीन हजार के बीच पहुंच गया है। इससे धर्मनगरी में रौनक बढ़ने लगी है वहीं, कारोबारियों के चेहरों पर भी खुशी लौटने लगी है।
जानकारी के अनुसार शुक्रवार को 25 सौ के करीब भक्तों ने पंजीकरण करवा कर मां वैष्णो की प्राकृतिक पिंडियों के दर्शन किए थे। वहीं शनिवार को साम सात बजे तक करीब 35 सौ भक्त भवन की ओर प्रस्थान कर चुके थे। शनिवार को हेलिकॉप्टर और बैटरी कार सेवा बहाल रही, जिनका भक्तों ने लाभ उठाया है। इसके साथ ही मां वैष्णो के जयकारों से यात्रा मार्ग सहित धर्मनगरी फिर से गूंजने लगी है।