वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि केंद्रीय बजट में किसी भी राज्य की अनदेखी नहीं की गई है। उन्होंने विपक्षी नेताओं के उस दावे को भ्रामक बताया कि यदि बजट भाषण में किसी राज्य का नाम नहीं लिया जाता, तो उसे कोई बजटीय आवंटन नहीं मिलता है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने और विदेशी निवेशकों को यह संदेश देने की साजिश की जा रही है कि देश निवेश के लिए सुरक्षित नहीं है।
लोकसभा में बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा कि किसी भी राज्य को धन देने से इनकार नहीं किया गया है। उन्होंने याद दिलाया कि पूर्व की यूपीए सरकार के बजट भाषण में भी सभी राज्यों के नामों का उल्लेख नहीं किया गया था। उन्होंने कहा, मैंने 2004 से 2008 तक के सभी बजट भाषण सुने। किसी में भी सभी राज्यों के नाम नहीं थे। 2004-05 में 17 राज्यों का नाम नहीं लिया गया था। मैं तत्कालीन यूपीए सरकार के सदस्यों से पूछती हूं कि क्या उन 17 राज्यों को पैसा नहीं दिया गया? क्या उन्होंने इसे रोक दिया? कई विपक्षी सदस्यों ने दावा किया था, सिर्फ बिहार व आंध्र प्रदेश के लिए फंड दिए गए, अन्य राज्यों को कुछ भी नहीं मिला। निर्मला इन्हीं टिप्पणियों का जवाब दे रही थीं। उन्होंने कहा, भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली वैश्विक अर्थव्यवस्था है। भारी पूंजीगत खर्च के कारण महामारी के बाद के प्रभावों पर काबू पा लिया गया है। सरकार राजकोषीय घाटे के लक्ष्य का अनुपालन कर रही है। यह चालू वित्त वर्ष के लिए लक्षित 4.9% से 2025-26 तक घाटे को 4.5% से नीचे ले आएगा। 2023-24 में घाटा 5.6 फीसदी था।
निर्मला ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर हमला करते हुए पूछा, राजीव गांधी फाउंडेशन में कितने एससी हैं? कुल नौ लोग हैं, मगर एससी कोई नहीं है। राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट के बोर्ड ऑफ ट्रस्टी में 5 लोग हैं, वहां भी कोई एससी नहीं है। राहुल ने दावा किया था कि बजट बनाने वाले 20 अफसरों में से एससी एक भी नहीं है।
वित्त मंत्री ने कहा, प. बंगाल की सीएम और वित्त मंत्री भी कलकत्ता विवि से पढ़े हैं (हार्वर्ड या ऑक्सफोर्ड से नहीं)। मैं पूछना चाहती हूं कि क्या वे भी विचारों से रहित हैं? बंगाल की धरती से, जिसने हमें वंदे मातरम दिया, आज हमारे पास प्रोफेसर सौगत रॉय (तृणमूल सांसद)हैं, जिन्होंने टिप्पणी की थी कि मैं नए विचारों से वंचित हूं, क्योंकि मैं जेएनयू से हूं, हार्वर्ड या ऑक्सफोर्ड से नहीं…। निर्मला ने कहा, वह खुद एक भारतीय विवि में पढ़ाते हैं। उन्हें खुद पर शर्म आनी चाहिए।