नई दिल्ली, 28 दिसंबर 2024, शनिवार। तालिबान और पाकिस्तान के बीच भीषण जंग शुरू हो गई है, जिसकी शुरुआत पाकिस्तान द्वारा तालिबान पर किए गए हमले से हुई थी। इस हमले में तालिबान के 46 नागरिक मारे गए थे, जिसके बाद तालिबान ने बदला लेने की कसम खाई थी। अब तालिबान ने पाकिस्तान पर हमला कर दिया है, जिसमें पाकिस्तान के 19 सैनिक मारे गए हैं। यह हमला अफगानिस्तान के पूर्व खोस्त और पक्तिया प्रांतों में हुआ है, जो पाकिस्तान की सीमा से सटे हैं।
तालिबानी लड़ाकों ने खोस्त प्रांत के अली शिर जिले में कई पाकिस्तानी सैन्य चौकियों को आग के हवाले कर दिया और पक्तिया प्रांत के डंड-ए-पतन जिले में दो पाकिस्तानी चौकियों पर कब्जा कर लिया। पाकिस्तानी सैनिकों ने भी तालिबानी हमले का जवाब देने की कोशिश की, जिसमें तीन अफगान नागरिक मारे गए। तालिबान के प्रवक्ता एनायतुल्ला खावरज़मी ने कहा है कि यह हमला उन स्थानों और ठिकानों को निशाना बनाने के लिए किया गया था, जिनका इस्तेमाल अफगानिस्तान में हमले करने और हमलों की योजना बनाने वाले तत्वों द्वारा किया जाता था। यह हमला अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तनाव का नया संकेत है, जो पहले से ही संबंधों में खटास के कारण जारी है।
गौरतलब है कि, पाकिस्तान और तालिबान के बीच के संबंधों में बढ़ते तनाव ने एक नए संघर्ष को जन्म दिया है। दोनों देशों के बीच की जटिलताओं ने क्षेत्रीय स्थिरता को प्रभावित किया है और यह संकेत देता है कि भविष्य में दोनों देशों के रिश्तों में और अधिक तनाव हो सकता है। तालिबान ने पाकिस्तान पर अपने जटिल संबंधों को लेकर कई बार नाराजगी जताई है, जबकि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में आतंकवादी समूहों के गठन और उनका समर्थन करने के आरोपों का सामना किया है। यह हमला पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान में लक्षित हमलों के बाद हुआ है, और इसका असर न केवल दोनों देशों के बीच सीमा विवाद पर पड़ेगा, बल्कि पूरे क्षेत्र की सुरक्षा स्थिति पर भी इसका प्रभाव होगा।
सीमा पर स्थित कड़ी सुरक्षा और आपसी आरोप-प्रत्यारोपों ने इस मामले को और जटिल बना दिया है। यह संघर्ष केवल पाकिस्तान और अफगानिस्तान के लिए ही नहीं, बल्कि क्षेत्रीय शक्तियों और वैश्विक सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी गंभीर हो सकता है। दोनों देशों के बीच सीमा विवाद और आतंकवाद पर तनाव इस स्थिति को और अधिक जटिल बनाता है, जिससे पूरी दुनिया की निगाहें इन घटनाओं पर होंगी।