वाराणसी, 8 जुलाई 2025: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने वाराणसी में पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की 18वीं पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में केंद्र की बीजेपी सरकार और बिहार की नीतीश सरकार पर जमकर निशाना साधा। सांप्रदायिक ध्रुवीकरण, बिहार में बेलगाम अपराध और हालिया एनकाउंटर को लेकर उनके बयान ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है।
त्योहारों पर सांप्रदायिक सियासत का आरोप
मनोज झा ने कहा, “हमने अपने त्योहारों को युद्ध का मैदान बना दिया।” बिना किसी का नाम लिए उन्होंने सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति पर सवाल उठाए और सामाजिक समरसता को नष्ट करने की कोशिशों की नाकाम करार दिया। साहित्यकार प्रेमचंद की कहानी का जिक्र करते हुए उन्होंने बीजेपी पर कटाक्ष किया, “प्रेमचंद ने बरसों पहले उन ताकतों को चेताया था जो धर्म और भाषा के नाम पर बांटते हैं। आज वही हो रहा है, लेकिन भारत की आत्मा इससे बड़ी है।”
बिहार में तेजस्वी का क्रेज, नफरत की सियासत बेकार
बिहार की सियासत पर बोलते हुए झा ने दावा किया कि महागठबंधन और तेजस्वी यादव का क्रेज जनता में बरकरार है। उन्होंने कहा, “बीजेपी और उनके सहयोगी कितनी भी कोशिश कर लें, बिहार की जनता नफरत की सियासत को नकार चुकी है।” महागठबंधन को सामाजिक न्याय और सौहार्द का प्रतीक बताते हुए उन्होंने नीतीश सरकार को आड़े हाथों लिया।
एनकाउंटर पर सवाल, सच्चाई दबाने का आरोप
बिहार में गोपाल सिंह हत्याकांड के आरोपी के पुलिस एनकाउंटर पर मनोज झा ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “एनकाउंटर में कई बार सच्चाई का ही खात्मा हो जाता है।” इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए उन्होंने जनता के सच जानने के अधिकार पर जोर दिया।
बिहार में अपराध का आलम, सरकार नदारद
बिहार के बिगड़ते हालात पर चिंता जताते हुए झा ने कहा, “राज्य का कोई जिला ऐसा नहीं जहां हर दिन हत्या, डकैती या बलात्कार की घटनाएं न हों।” नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने तंज कसा, “अगर नरम शब्दों में कहूं, तो बिहार में सरकार जैसी कोई चीज नहीं बची। आम जनता की जान-माल खतरे में है।”
मनोज झा के इन बयानों ने बिहार और केंद्र की सियासत में नया तूफान खड़ा कर दिया है। अब देखना यह है कि बीजेपी और जेडीयू इस हमले का जवाब कैसे देते हैं।