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Thursday, November 21, 2024

बाबा के अरघे में गिरी महिला श्रद्धालु, काशी विश्वनाथ मंदिर में स्पर्श दर्शन पर लगी रोक

वाराणसी, 9 अक्टूबर 2024, बुधवार। काशी विश्वनाथ धाम में भारी दुर्व्यवस्था के चलते स्पर्श दर्शन पर रोक लगा दिया गया है। अब अगले आदेश तक बाबा का झांकी दर्शन ही हो पायेगा। यह निर्णय बाबा के गर्भगृह में स्पर्श दर्शन करने के चक्कर में कई दर्शनार्थियों के अरघे में गिरने के कारण लिया गया। हुआ यह कि बीती रात सात अक्टूबर को सप्तर्षि व श्रृंगार आरती के मध्य कपाट गर्भगृह का कपाट सफाई के लिए खोला गया। कपाट खुलते ही भक्तों का पूरा का पूरा रेला गर्भगृह में प्रवेश कर गया। देखते-देखते मंदिर की पूरी व्यवस्था ही चरमरा गई। इस दौरान गर्भगृह में बाबा को स्पर्श करने के लिए लोगों में धक्का मुक्की होने लगी। इससे पूरी व्यवस्था ही गड़बड़ा गई। गर्भगृह के बाहर भक्तों की संख्या ज्यादा थी और हर कोई मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश कर बाबा को स्पर्श करना चाह रहा था। आखिरकार वही हुआ जिसका हमेशा अंदेशा रहता है। एक-दूसरे से आगे बढ़ने की होड़ में लोग स्वयं को संभाल नहीं पाये। कई भक्त असंतुलित होकर बाबा के अरघे पर ही गिर पड़े। सबसे बड़ी बात तो यह है कि इसका लाइव प्रसारण भी कैद हो गया। बाद में अरघे में गिरे भक्तों को बाहर निकाला गया। वीडियो में देखा जा सकता है कि बाबा का स्पर्श करने में एक महिला और पुरुष भी गर्भगृह में गिर पड़े हैं। इसका वीडियो भी वायरल हो गया। इस घटना के बाद काशी विश्वनाथ प्रशासन ट्रस्ट ने बाबा विश्वनाथ के स्पर्श दर्शन करने पर रोक लगा दिया। अब बाबा विश्वनाथ दरबार में आने वाले भक्तों को बाबा का स्पर्श नहीं करने दिया जायेगा। काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष नागेन्द्र पांडेय ने बताया कि भक्तों की ज्यादा संख्या होने से व्यवस्था बिगड़ गई। इससे कई भक्त असंतुलित होकर अरघे में गिर पड़े। इस पर संज्ञान लेते हुए मंदिर प्रशासन ने अगले आदेश तक नई व्यवस्था लागू कर दी है। अब बाबा विश्वनाथ का स्पर्श दर्शन पर रोक लगा दी गई है। बाबा का सिर्फ झांकी दर्शन ही होगा।
आखिरकार इतनी भीड़ कैसे प्रवेश कर गई
काशी विश्वनाथ धाम में बाबा का स्पर्श दर्शन पर रोक लगाने का यह फरमान कोई नया नहीं है। इसके पहले भी कई बार बाबा का स्पर्श दर्शन पर रोक लगाया गया है। सप्तर्षि आरती व श्रृंगार आरती के मध्य बाबा का कपाट खोलते ही आखिर इतनी भीड़ कहां से आ गई। जबकि मंदिर के बाहर स्टील के बैरिकेडिंग लगायी गई है। इसी वैरिकेडिंग से होकर श्रद्धालु बाबा के गर्भगृह तक पहुंचते हैं। इस दौरान श्रद्धालुओं को कई जगहों पर सुरक्षाकर्मियों का सामना करना पड़ता है। इतनी भारी भरकम सुरक्षाकर्मियों की तैनाती व जगह-जगह दर्शनार्थियों की चेकिंग के बावजूद गर्भगृह में इतने दर्शनार्थी आखिरकार कैसे पहुंच गये। इससे मंदिर प्रशासन की लापरवाही व दुर्व्यवस्था उजागर हो रही है।
इसके पूर्व में देश के कई धर्मस्थलों पर हुई भगदड़ के दौरान हुई घटनाओं से भी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन सबक नहीं ले रहा है। अगर इस दौरान भगदड़ होने पर यहां कोई भी हादसा हो सकता था। इसे संयोग ही कहा जायेगा कि इस दौरान कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। बाबा विश्वनाथ ने सभी को बचा लिया। वैसे यह देखा जाता है कि जैसे ही बाबा का अरघा हटाया जाता है और दर्शन होता है उस समय लोग एक-दूसरे पर गिरते पड़ते आगे बढ़ने लगते हैं। वैसे स्पर्श दर्शन पर एकदम रोक लगा देना चाहिए। यह मंदिर प्रशासन के लिए हितकर साबित होगा।

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