आस्था के महापर्व महाकुंभ में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सरकारी तौर पर बहुत से इंतजाम किए गए हैं। अखाड़ों में भंडारे चल रहे हैं। इसके साथ बहुत से लोगों और संस्थाओं की ओर श्रद्धालुओं के लिए तरह-तलह के व्यंजन की व्यवस्था की गई है। इन सबके बीच श्रद्धालुओं को रबड़ी भी खाने को मिल रही है।
ये हैं रबड़ी वाले बाबा…
महाकुंभ में साधुओं का अनोखा संसार है। मेले में चाबी वाले बाबा, पर्यावरण बाबा, रूद्राक्ष वाले बाबा के बाद ‘द हो हल्ला’ को मिले रबड़ी वाले बाबा। ये बाबा कड़ाके की सर्दी के बीच मिठास घोल रहे है। खुद रोजाना रबड़ी बनाते हैं और मेले में पहुंचे हजारों लोगों को रबड़ी का प्रसाद खिलाते हैं।
2019 के कुंभ में भी बांटा था रबड़ी का प्रसाद
ये बाबा हैं देव गिरि जी महराज जिन्हें लोग रबड़ी वाले बाबा कहते हैं। बाबा के शिविर में कढ़ाई में रबड़ी दिन रात बनती रहती है। बाबा बताते हैं कि उन्होंने 2019 के कुंभ में डेढ़ माह तक रबड़ी का प्रसाद वितरित किया था। ये सनातन को जगाने की प्रक्रिया है।
9 फरवरी तक होगा रबड़ी का वितरण
बताया कि सुबह भगवान कपिल मुनि को भोग लगाने के बाद संतों और भक्तों में रबड़ी का वितरण शुरू हो जाता है। मेला क्षेत्र में 9 दिसंबर से शुरू हुआ रबड़ी का वितरण 9 फरवरी तक चलेगा।