वाराणसी, 22 जून 2025, रविवार: राजातालाब तहसील के गंजारी गांव स्थित निर्माणाधीन इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम के आसपास अर्बन टाउनशिप, स्पोर्ट्स सिटी और फोरलेन सड़क चौड़ीकरण के खिलाफ किसानों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। रविवार को सैकड़ों किसानों ने “जान देंगे, जमीन नहीं” का नारा बुलंद करते हुए गंजारी, हरसोस, हरपुर और हरहुआ-राजातालाब रिंग रोड तक जोरदार पदयात्रा निकाली। नारे लिखी तख्तियों के साथ किसानों ने अपनी उपजाऊ जमीन बचाने का संकल्प दोहराया और भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी।
16 दिन से डटे हैं किसान
पिछले 16 दिनों से गंजारी गांव में किसान धरने पर डटे हैं। लोकसभा चुनाव से पहले सरकार ने इस क्षेत्र में इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम की घोषणा की थी, जिसके बाद अर्बन टाउनशिप, स्पोर्ट्स सिटी और सड़क चौड़ीकरण के लिए दर्जनभर गांवों की उपजाऊ जमीन चिन्हित की गई। लेकिन किसान अपनी आजीविका का आधार मानी जाने वाली इस जमीन को देने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि विकास के नाम पर उनकी जमीन-मकान छीने जा रहे हैं।
“वापस जाओ, जमीन हमारी!”
पदयात्रा में शामिल किसानों और महिलाओं ने नारे लगाए, “विकास के नाम पर गांव की जमीन-मकान छीनने वाले वापस जाओ!” और “पहले लड़े थे गोरों से, अब लड़ेंगे चोरों से!” जैसे उग्र नारों के साथ उन्होंने सरकार को खुली चुनौती दी। प्रदर्शनकारियों ने साफ कहा कि उनकी जमीन पर कोई मनमानी नहीं चलेगी।
जल्द होगा बड़ा आंदोलन
पूर्वांचल किसान यूनियन के अध्यक्ष योगीराज सिंह पटेल की अगुआई में धरने और प्रदर्शन को व्यापक समर्थन मिल रहा है। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, अपना दल कमेरावादी, लोक समिति और मनरेगा मजदूर यूनियन जैसे संगठनों के साथ-साथ सामाजिक कार्यकर्ता भी किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। किसान नेताओं ने ऐलान किया कि जल्द ही जिला और तहसील मुख्यालय पर विशाल मार्च निकाला जाएगा।
“खेती-किसानी बचाने की एकजुट लड़ाई”
धरने की अध्यक्षता कर रहे किसान नेता डॉ. राजेंद्र सिंह ने कहा, “हमारी जमीन और मकान बचाने की मांग अब खेती-किसानी बचाने की लड़ाई से जुड़ चुकी है। हम किसी भी कीमत पर अपनी जमीन नहीं देंगे।” प्रदर्शन का संचालन पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य राजकुमार गुप्ता ने किया, जबकि हरसोस ग्राम प्रधान प्रतिनिधि ओम प्रकाश सिंह पटेल ने आभार जताया।
पदयात्रा में रामदुलार, रंजीत पटेल, गणेश शर्मा, राजेश कुमार पटेल, जियाराम पटेल, सुरेश वर्मा, कमलाकर सिंह, विनय सिंह, पद्माकर सिंह, राजेंद्र, निहोरी लाल, रामपत्ती, रामनाथ, विनय मौर्य, लालजी, दिलीप सिंह, अजीत पटेल, रणजीत, हृदय पाल, मनोज कुमार सिंह, वीरेंद्र पटेल, रामबालक पटेल, प्रहलाद पाल, राजेश कुमार, राजकुमार राजभर सहित सैकड़ों किसान शामिल रहे।
किसानों का यह आंदोलन अब और उग्र होने की ओर बढ़ रहा है। उनकी मांग साफ है- “जमीन हमारी, आपकी नहीं!”