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Wednesday, June 18, 2025

भारत से नक्सलवाद की विदाई: माओवादियों को एक और झटका, 40 लाख के इनामी सीसी मेंबर सहित तीन नक्सली मुठभेड़ में ढेर

मारेडपल्ली (आंध्र प्रदेश) 18 जून 2025, बुधवार: आंध्र प्रदेश के अल्लुरी सीताराम राजू जिले के मारेडपल्ली जंगल में बुधवार तड़के ग्रे हाउंड्स और नक्सलियों के बीच हुई भीषण मुठभेड़ ने माओवादी संगठन को करारा झटका दिया है। इस ऑपरेशन में प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की सेंट्रल कमेटी के प्रमुख सदस्य गजराला रवि उर्फ उदय उर्फ गणेश सहित तीन नक्सली ढेर कर दिए गए। मुठभेड़ स्थल से तीन एके-47 राइफलें बरामद हुई हैं, जो नक्सलियों की हिंसक मंशा को उजागर करती हैं। पुलिस ने इसे नक्सलवाद के खिलाफ “ऐतिहासिक जीत” करार दिया है।

मुठभेड़ का घटनाक्रम

खुफिया सूचना के आधार पर ग्रे हाउंड कमांडो ने रामपचोदवरम और मारेडपल्ली के बीच घने जंगलों में तलाशी अभियान शुरू किया था। सूत्रों के मुताबिक, नक्सली किसी बड़े हमले की साजिश रच रहे थे। तड़के जब सुरक्षाबल जंगल में आगे बढ़ रहे थे, नक्सलियों ने उन पर अचानक गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में 25 मिनट तक चली मुठभेड़ में गजराला रवि, जोनल कमेटी सदस्य अरुणा और एक अन्य नक्सली अंजू मारे गए। कुछ नक्सलियों के भागने की आशंका के बीच सर्च ऑपरेशन जारी है।

गजराला रवि: नक्सल आंदोलन का मास्टरमाइंड

तेलंगाना के भूपालपल्ली जिले का रहने वाला गजराला रवि 1990 से नक्सली आंदोलन से जुड़ा था। आंध्र-उड़ीसा बॉर्डर स्पेशल जोनल कमेटी (एओबीएसजेडसी) का सचिव और सेंट्रल कमेटी का प्रमुख सदस्य रवि कई आतंकी हमलों और सुरक्षाबलों पर घात के लिए जिम्मेदार था। उस पर 40 लाख का इनाम था। उसकी पत्नी, जो भी नक्सली थी, पहले एक मुठभेड़ में मारी जा चुकी है। अरुणा, जो जोनल कमेटी की सक्रिय सदस्य थी, संगठन की रणनीति और भर्ती में अहम भूमिका निभाती थी।

सुरक्षाबलों की रणनीति कामयाब

अल्लुरी सीताराम जिले के एसपी अमित बरदार ने कहा, “गजराला रवि का मारा जाना नक्सली संगठन की कमर तोड़ने वाला है। यह ऑपरेशन हमारी रणनीति और खुफिया तंत्र की सफलता का प्रमाण है।” मुठभेड़ से बरामद एके-47 राइफलें इस बात की ओर इशारा करती हैं कि नक्सली किसी बड़े हमले की तैयारी में थे।

नक्सलवाद के खिलाफ बढ़ता अभियान

यह मुठभेड़ नक्सलवाद के खिलाफ हाल के महीनों में सुरक्षाबलों की लगातार कार्रवाइयों की कड़ी है। मार्च 2025 में सुकमा-दंतेवाड़ा सीमा पर 16 नक्सली मारे गए थे, और जून 2025 में सुकमा के पुसगुन्ना जंगल में दो नक्सली ढेर हुए थे। केंद्र सरकार ने 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म करने का लक्ष्य रखा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसे आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताते हुए कठोर कार्रवाई का संकल्प दोहराया है।

स्थानीय समुदाय में डर और उम्मीद

मारेडपल्ली और आसपास के आदिवासी गांवों में इस मुठभेड़ ने डर का माहौल पैदा किया है। स्थानीय लोग, जो नक्सलियों के आतंक और सुरक्षाबलों की कार्रवाइयों के बीच फंसे हैं, सतर्क हैं। एक ग्रामीण ने कहा, “नक्सली हमें जबरन अपने साथ ले जाते हैं और उगाही करते हैं। उनकी समाप्ति से शायद हमें राहत मिले।”

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