मुंबई, 1 दिसंबर 2024, रविवार। महाराष्ट्र में हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के उपयोग को लेकर कई सवाल उठाए जा रहे हैं। कई मतदाताओं और राजनीतिक दलों ने ईवीएम में गड़बड़ी के आरोप लगाए हैं और जांच की मांग की है।
महाराष्ट्र के एक गांव में लोगों ने कांग्रेस को वोट दिया, लेकिन उस गांव के बूथ पर कांग्रेस को जीरो वोट मिले। यह घटना महाराष्ट्र के यवतमाल जिले के एक गांव में हुई। गांव के लोगों ने बताया कि उन्होंने कांग्रेस को वोट दिया था, लेकिन जब चुनाव आयोग ने मतगणना के परिणाम घोषित किए, तो पता चला कि कांग्रेस को उस गांव में एक भी वोट नहीं मिला है।
इसी तरह, राज ठाकरे की पार्टी मनसे के एक उम्मीदवार ने आरोप लगाया है कि उनके घर के इलाके के बूथ पर उनके सिर्फ दो वोट मिले, जबकि वह खुद अपनी पत्नी, बेटी और मां के साथ वोट करने गए थे।
इन घटनाओं के बाद, कई राजनीतिक दलों और मतदाताओं ने ईवीएम में गड़बड़ी के आरोप लगाए हैं और जांच की मांग की है। कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टियों ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं और मांग की है कि चुनाव आयोग ईवीएम की जांच कराए।
चुनाव आयोग ने इन आरोपों का जवाब देते हुए कहा है कि ईवीएम पूरी तरह से सुरक्षित और विश्वसनीय हैं। आयोग ने कहा है कि ईवीएम की जांच के लिए कई स्तरों पर सुरक्षा उपाय किए गए हैं और ईवीएम को हैक करना असंभव है।
हालांकि, इन आरोपों और जवाबों के बीच, यह सवाल अभी भी बना हुआ है कि क्या ईवीएम वास्तव में सुरक्षित और विश्वसनीय हैं? क्या ईवीएम में गड़बड़ी की संभावना है? इन सवालों का जवाब देने के लिए एक निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच की आवश्यकता है।