वाराणसी, 13 जनवरी 2025, सोमवार। दो रोज पहले जिस चाइनिज राक्षस को बनारस की सड़कों पर वाराणसी की कमिश्नरेट पुलिस ने निकलने नहीं दिया। सोमवार की सुबह उसी चाइनिज राक्षस ने सारनाथ, आदमपुर, कोतवाली, दशाश्वमेध, भेलूपुर थाने की पुलिस के आंखों में धूल झोंककर निकल पड़ा। पुलिस प्रशासन देखती रह गई। दरसल, बीते शनिवार को कातिल बन चुके चाइनिज मांझा के विरोध में सपाइयों ने भैंसासुर राजघाट से 21 फीट के चाइनिज राक्षस का प्रतीकात्मक पुतला लेकर विरोध मार्च के लिए निकले थे, तभी कोतवाली एसीपी प्रज्ञा पाठक ने बिना अनुमति के मार्च निकालने पर रोक लगा दी। इस दौरान पुलिस और सपाइयों में जमकर नोकझोंक भी हुई। हालांकि, पुलिस के सख्त चेतावनी के कारण मामला शांत हो गया।
गंगा पार रेत में दफनाया गया ‘चाइनिज राक्षस’
पुलिस की नजरों से बचते हुए, आज सोमवार, यानी 13 जनवरी को समाजवादी पार्टी के प्रदेश महासचिव किशन दीक्षित के नेतृत्व में सपाजनों ने 21 फीट का चाइनिज राक्षस का प्रतीकात्मक पुतला सरायमोहाना से मोटरबोट पर लेकर निकल पड़े। विरोध मार्च की सूचना पर जबतक पुलिस पहुंचती, तब तक सपाई मोटरबोट पर पुतले को लेकर निकल पड़े। यह यात्रा चाइनिज मांझे के विरोध में निकाली गई थी, जो कि कई लोगों की जान ले चुका है। पुतले पर ‘मैं चाइनिज मांझा राक्षस हूं, मैं लोगों का खून पीता हूं’ लिखा हुआ था। विरोध मार्च नमो घाट, गायघाट, मणिकर्णिका घाट, दशाश्वमेध घाट, केदारघाट होते हुए असी घाट पर पहुंचा। इसके बाद पुतले को गंगा उस पार बालू में ले जाकर दफना दिया गया।
कौतूहल का विषय बना रहा 21 फीट का चाइनिज राक्षस
21 फीट का चाइनिज राक्षस का पुतला गंगा घाट किनारे लोगों के कौतूहल का विषय बना रहा, पर्यटकों के साथ ही काशीवासी पुतले की वीडियो और फोटोग्राफी की। विरोध यात्रा में शामिल होने वाले लोगों ने कहा कि वे चाइनिज मांझे के विरोध में हैं और सरकार से इसके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग कर रहे थे, इसके अलावा जमकर सत्ता और शासन के खिलाफ नारेबाजी करते चल रहे थे। यह घटना बनारस के गंगा घाट किनारे एक अनोखा नजारा प्रस्तुत करती रही और लोगों को चाइनिज मांझे के खिलाफ जागरूक किया।
चाइनिज मांझा : मौत का सामान, सत्ता और प्रशासन की नाकामी
सपा नेता किशन दीक्षित ने कहा कि चाइनिज मांझा का आतंक देशभर में फैला हुआ है। यह मांझा न केवल पक्षियों की जान ले रहा है, बल्कि इंसानों की भी जान ले रहा है। आए दिन चाइनिज मांझा के कारण लोगों की मौत की खबरें सुनने को मिलती हैं। फिर भी यह मौत का सामान बाजार में खुलेआम बिक रहा है। यह सवाल उठता है कि जब चाइनिज मांझा पर प्रतिबंध है, तो फिर यह बाजार में कैसे बिक रहा है? इसका जवाब है सत्ता और प्रशासन की नाकामी। सरकार और प्रशासन की लापरवाही के कारण यह मौत का सामान बाजार में बिक रहा है।
पूर्व पार्षद मनोज यादव ने कहा कि चाइनिज मांझा के कारण होने वाली मौतों की संख्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। यह एक गंभीर समस्या है, जिसका समाधान जल्दी से जल्दी निकाला जाना चाहिए। सरकार और प्रशासन को चाइनिज मांझा की बिक्री पर सख्ती से रोक लगानी चाहिए। इसके अलावा, लोगों को भी जागरूक किया जाना चाहिए कि चाइनिज मांझा का उपयोग न करें। लोहिया वाहिनी के संदीप मिश्रा ने कहा कि यह समय है जब हमें एकजुट होकर चाइनिज मांझा के खिलाफ लड़ना चाहिए। हमें अपने आसपास के लोगों को जागरूक करना चाहिए और सरकार से मांग करनी चाहिए कि वे चाइनिज मांझा की बिक्री पर सख्ती से रोक लगाएं। तभी हम अपने समाज को सुरक्षित बना सकते हैं। विरोध मार्च में रविकांत विश्वकर्मा, दीपचंद गुप्ता, शानू सिन्हा, अयान अहमद सिद्दीकी, शुभम सिंह आदि रहे।
महाकुंभ 2025: विरोध मार्च पर एसीपी प्रज्ञा पाठक का बड़ा बयान
एसीपी कोतवाली प्रज्ञा पाठक ने कहा कि चाइनिज राक्षस का पुतला लेकर विरोध मार्च निकालने की अनुमति पहले भी प्रशासन ने नहीं दी थी, न आगे ऐसी कोई अनुमति दी गई है। गंगा घाटों पर मोटरबोट पर चाइनिज राक्षस के पुतले के साथ निकाले गए विरोध मार्च के बारे में अनभिज्ञता जाहिर की। कहा, बिना अनुमति के विरोध मार्च निकालने की जांच की जा रही है, जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। एसीपी ने कहा महाकुंभ का शुभारंभ हो गया है। काशी सांस्कृतिक राजधानी है किसी को भी शांति व्यवस्था भंग करने पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।