यूपी में जल्द ही दस सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं। जिसके लिए सभी राजनीतिक पार्टियां एक्टिव हो गई हैं। हालांकि अभी तक इन चुनावों की तारीखों का एलान नहीं हुआ है। लेकिन, माना जा रहा है महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव के साथ इन्हें कराया जा सकता है। इस बीच बीजेपी, सपा, बसपा और कांग्रेस समेत तमाम दलों ने इन चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। वहीं, सूत्रों के हवाले से एक बड़ी खबर निकलकर सामने आई है कि लोकसभा चुनाव में यूपी में भाई-भाई का नारा लगाकर चुनाव लड़ने वाले सपा प्रमुख अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बीच अब दूरियां नजर आनी शुरू हो गई हैं। राज्य में 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में ठन गई है। अभी तक दोनों पार्टियों के बीच शेयरिंग को लेकर बात नहीं बन पाई है।
उत्तर प्रदेश की दस विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस ने पांच सीटों पर दावा किया है, जिसके बाद सपा की मुश्किलें बढ़ सकती है। कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और पूर्वी यूपी के प्रभारी राजेश तिवारी ने कहा है यूपी की दस सीटों में से पांच सीटों पर सपा का कब्जा था। ऐसे में पार्टी को उन्ही सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए बाकी सीटें कांग्रेस को दे देनी चाहिए। दरसल, खाली हुई 10 सीटों में से पांच सीसामऊ, कटेहरी, करहल, मिल्कीपुर और कुंदरकी सपा के पास थीं। वहीं, फूलपुर, गाजियाबाद, मझवां और खैर भाजपा के पास थीं। मीरापुर सीट भाजपा के सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के पास थी।
पिछले दिनों जहां सपा ने उपचुनाव वाली 6 सीटों पर प्रभारियों की घोषणा की थी। वहीं अब कांग्रेस पार्टी ने सभी 10 विधानसभा सीटों पर पर्यवेक्षकों के नाम की घोषणा की है। कांग्रेस के इस फैसले को लेकर समाजवादी पार्टी में नाराजगी देखी जा रही है। सपा नेता रविदास मेहरोत्रा ने अपने बयानों से ऐसा संदेश दिया है कि इस बार सपा अपने अंदाज में कांग्रेस को जवाब देने का मूड बना चुकी है। उन्होंने कहा कि हम जो सीटें मांग रहे हैं वो कांग्रेस हमें नहीं दे रही हैं। जिन 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाला है वहां 5 पर पहले सपा के विधायक थे। ऐसे में इन सीटों पर हर हालत में हमारी पार्टी के ही प्रत्याशी होंगे।
लोकसभा चुनाव साथ लड़कर यूपी में भाजपा को करारा झटका देने वाली सपा और कांग्रेस के रिश्तों में दरार आने की चर्चा है। दोनों दलों के बीच की यह खटपट अब उपचुनाव में खुलकर दिखने लगी है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि लोकसभा चुनाव में यूपी में 6 सीटें जीतने के बाद अब कांग्रेस अपने आप को और मजबूत करने में जुटी हुई है। कांग्रेस फिर से यूपी को अपना मजबूत गढ़ बनाना चाहती है। यही वजह है कि वह आगामी उपचुनाव में वह ज्यादा से ज्यादा सीटों पर लड़ना चाहती है. हालांकि, सपा को कांग्रेस की यह चाल मंजूर नहीं है।