वाराणसी, 22 मार्च 2025, शनिवार। काशी में विश्व जल दिवस के मौके पर एक शानदार आयोजन ने सबका ध्यान खींचा। संकट मोचन फाउंडेशन की ओर से ‘रन फॉर क्लीन गंगा’ मैराथन का जोश भैसासुर घाट से तुलसी घाट तक 6 किलोमीटर के रास्ते पर छाया। इस दौड़ में करीब 3 हजार युवाओं ने हिस्सा लिया, जिनमें देशी-विदेशी चेहरे भी शामिल थे। मकसद साफ था – गंगा को प्रदूषण से बचाना और लोगों को इसके लिए प्रेरित करना।
संकटमोचन मंदिर के महंत प्रो. विशंभर नाथ मिश्रा ने इस पहल को खास बताया। उन्होंने याद किया कि 1997 से हर साल 7 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाई जाती थी, लेकिन अब शहर के लोगों को जोड़ने की बारी आई। उनका कहना था कि जब तक युवा गंगा से नहीं जुड़ेंगे, तब तक इस पवित्र नदी की पीड़ा को समझा नहीं जा सकेगा। विदेशी पर्यटकों की मौजूदगी ने इसे और खास बना दिया। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, रूस जैसे देशों से आए लोग भी गंगा के लिए दौड़े। महंत ने कहा, “गंगा का नाम लेते ही लोग सम्मान से झुक जाते हैं, और आज का दिन इसे साबित करता है।”
मैराथन में शामिल तनु शुक्ला ने भावुक अंदाज में कहा कि जिस तरह मां अपने बच्चों को संभालती है, वैसे ही गंगा को स्वच्छ रखना हमारा फर्ज है। उन्होंने अफसोस जताया कि लोग गंगा को गंदा कर रहे हैं, और इस आयोजन से जागरूकता की लहर पूरे देश तक पहुंचनी चाहिए।
आयोजन में उत्साह बढ़ाने के लिए महामृत्युंजय मंदिर के महंत किशन दीक्षित ने मैदागिन चौराहे पर स्टॉल सजाया। वहां युवाओं के लिए एनर्जी ड्रिंक्स, फल और पानी का इंतजाम था। गुलाब की पंखुड़ियों से स्वागत ने माहौल को और रंगीन बना दिया। दौड़ने वालों के चेहरों पर थकान के बजाय जोश और खुशी झलक रही थी। यह मैराथन न सिर्फ एक दौड़ थी, बल्कि गंगा के सम्मान और संरक्षण का एक मजबूत संदेश भी बन गई।