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Saturday, April 20, 2024

महबूबा मुफ्ती को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जारी समन पर रोक लगाने से इनकार

दिल्ली हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जारी समन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। चीफ जस्टिस डी एन पटेल और जस्टिस जसमीत सिंह ने कहा कि वे पीडीपी नेता को कोई राहत नहीं दे रहे हैं। बता दें कि पिछली सुनवाई टल जाने की वजह से महबूबा मुफ्ती को कुछ दिनों की राहत मिल गई थी, मगर आज के फैसले से उन्हें झटका लगा है।

अदालत ने ईडी को 16 अप्रैल से पहले उनके द्वारा दिए गए निर्णयों के संकलन के साथ एक संक्षिप्त नोट दाखिल करने को कहा। ईडी की ओर से पेश सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मुफ्ती को अधिकारियों के समक्ष पेश होना ही चाहिये। ईडी ने इससे पहले मुफ्ती को 15 मार्च को पेश होने के लिये समन जारी किया था। अब उन्हें 22 मार्च को पेश होने के लिये कहा गया है। मुफ्ती की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता नित्या रामाकृष्णन ने अदालत से ईडी को यह निर्देश देने का आग्रह किया कि वह पहले की तरह महबूबा पर व्यक्तिगत रूप से पेश होने का जोर न डाले। इसपर अदालत ने कहा, ‘हम समन पर रोक नहीं लगा रहे। कोई राहत नहीं दी जा रही है।’

दरअसल, पीडीपी नेता मुफ्ती ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पेशी के लिए जारी ईडी के समन को चुनौती दी थी। ईडी ने समन जारी कर मामले में पूछताछ के लिए उन्हें 15 मार्च को पेश होने का निर्देश दिया था। समन में महबूबा को 15 मार्च को दिल्ली के ईडी के मुख्यालय पर आने को कहा गया था। मगर 10 मार्च की सुनवाई में कोर्ट ने मामले को 19 मार्च के लिए टाल दिया था।

इस मामले में पीडीपी नेता ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धारा 50 के तहत इन समन को शून्य व निष्क्रिय घोषित करने की मांग की थी। याचिका में कहा गयाथा कि यह समन गलत तरीके से भेदभावपूर्ण, सुरक्षा उपायों का उल्लंघन एवं अनुच्छेद 20(3) का सीधा उल्लंघन है। याचिका में कहा गया था कि मनी लॉन्ड्रिंग की धारा 50 अधिकारियों को समन, दस्तावेजों व अन्य सबूता देने के बारे में जानकारी याचिकाकर्ता को उपलब्ध कराने का अधिकार देती है।

महबूबा की ओर से याचिका में कहा गया कि जांच एजेंसी ने उन्हें यह भी नहीं बताया कि उन्हें समन आरोपी या गवाह के तौर पर किया गया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि उन्हें नहीं बताया गया कि वह आरोपी हैं या उनसे किसी मामले को लेकर गवाह के तौर पर पूछताछ करनी है।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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