जमशेदपुर में खौफ का अंत: मुख्तार गैंग का शूटर अनुज कन्नौजिया एनकाउंटर में ढेर”

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जमशेदपुर, 30 मार्च 2025, रविवार। झारखंड के जमशेदपुर में शनिवार देर रात एक हाई-वोल्टेज ड्रामा उस वक्त देखने को मिला, जब उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (यूपी एसटीएफ) और झारखंड पुलिस की संयुक्त टीम ने कुख्यात अपराधी अनुज कन्नौजिया को घेर लिया। गोलियों की तड़तड़ाहट और सांसें थाम देने वाले इस मुठभेड़ में आखिरकार मुख्तार अंसारी गैंग का यह शार्प शूटर ढेर हो गया। 2.5 लाख रुपये का इनामी अनुज पिछले पांच सालों से पुलिस की आंखों में धूल झोंकता रहा था, लेकिन अब उसकी आपराधिक कहानी का अंत हो चुका है।

अपराध की दुनिया का खूंखार चेहरा

50 साल का अनुज कन्नौजिया कोई साधारण अपराधी नहीं था। मऊ जिले के बहलोलपुर गांव का यह शख्स मुख्तार अंसारी के गैंग का सबसे भरोसेमंद शूटर माना जाता था। हत्या, उगाही, जमीन कब्जाने से लेकर हथियारों की तस्करी तक—उसके खिलाफ 23 से ज्यादा संगीन मामले दर्ज थे। मऊ, गाजीपुर और आजमगढ़ के कई थानों में उसका नाम आतंक का पर्याय बन चुका था। पुलिस सूत्रों की मानें, तो वह न सिर्फ हत्याओं को अंजाम देता था, बल्कि गैंग के लिए नए शूटर्स की भर्ती और साजिशों को अंजाम देने में भी माहिर था।

जमशेदपुर में चला पुलिस का जाल

शनिवार की रात यूपी एसटीएफ की गोरखपुर यूनिट को गुप्त सूचना मिली कि अनुज जमशेदपुर में छिपा हुआ है। बिना वक्त गंवाए, यूपी एसटीएफ ने झारखंड पुलिस के साथ मिलकर ऑपरेशन शुरू किया। जैसे ही पुलिस टीम ने उसे घेरा, अनुज ने अपनी जान बचाने की आखिरी कोशिश की। उसने पुलिस पर करीब 20 राउंड गोलियां चलाईं और एक बम भी फेंका। जवाब में पुलिस को भी गोली चलानी पड़ी। इस भारी गोलीबारी में अनुज को कई गोलियां लगीं और उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। इस मुठभेड़ में एसटीएफ के डिप्टी एसपी डीके शाही भी घायल हुए, लेकिन उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।

पुलिस के हाथ क्या आया?

एनकाउंटर के बाद मौके से पुलिस ने दो पिस्टल, ढेर सारी जिंदा कारतूस और कुछ मोबाइल फोन बरामद किए। इन मोबाइल फोनों की जांच से पुलिस को उम्मीद है कि अनुज के आपराधिक नेटवर्क के बारे में और अहम सुराग मिल सकते हैं। यह ऑपरेशन न सिर्फ अनुज के खात्मे की कहानी है, बल्कि मुख्तार अंसारी के गैंग पर एक और बड़ा प्रहार है।

मुख्तार गैंग पर कसता शिकंजा

मुख्तार अंसारी की मौत के बाद से ही यूपी पुलिस उसके गैंग को नेस्तनाबूद करने में जुटी है। अनुज का एनकाउंटर इस कड़ी में एक बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। हाल ही में उसकी इनामी राशि 1 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये की गई थी। इससे पहले आजमगढ़ में उसके घर को बुलडोजर से ढहाया जा चुका था और परिवार के कई सदस्यों को गैंगस्टर एक्ट के तहत जेल भेजा गया था। यूपी पुलिस का साफ संदेश है—माफिया का कोई भी साथी बख्शा नहीं जाएगा।

अंत का संदेश

अनुज कन्नौजिया का अंत न सिर्फ एक अपराधी की कहानी का खात्मा है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कानून का हाथ कितना लंबा हो सकता है। जमशेदपुर की सड़कों पर गूंजी गोलियों ने एक बार फिर साबित कर दिया कि अपराध की दुनिया में कितना भी दबदबा हो, आखिर में जीत कानून की ही होती है। अब देखना यह है कि मुख्तार गैंग के बचे हुए निशान कितनी जल्दी मिटते हैं।

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