श्रीनगर, 8 अगस्त 2025: दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में पिछले आठ दिनों से सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी है, जो पिछले एक दशक में सबसे लंबा ऑपरेशन बन गया है। इस अभियान में अब तक तीन आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है, जबकि दो से तीन आतंकियों के अभी भी जंगल और पहाड़ी इलाकों में छिपे होने की आशंका है।
सुरक्षा बलों के सूत्रों के मुताबिक, इस ऑपरेशन में सेना के नौ जवान घायल हो चुके हैं। मुठभेड़ की तीव्रता को देखते हुए अकहाल गांव के अधिकांश निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है।
सुरक्षा बलों का संयुक्त अभियान
आतंकियों को खत्म करने के लिए सेना, पैरा कमांडो, सीआरपीएफ, और तीन जिलों की पुलिस की विशेष ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) संयुक्त रूप से मोर्चा संभाले हुए हैं। इलाके की निगरानी के लिए हेलीकॉप्टर, क्वाडकॉप्टर और हेक्साकॉप्टर जैसे आधुनिक उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है, ताकि आतंकियों की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके।
आतंकियों की रणनीति और चुनौतियां
कुलगाम के जंगल और पहाड़ी क्षेत्रों में देवदार के घने पेड़ों की आड़ में छिपे आतंकी बार-बार अपनी लोकेशन बदल रहे हैं, जिससे सुरक्षा बलों को उन्हें निशाना बनाने में कठिनाई हो रही है। ऊंचाई वाले इलाकों में मौजूद आतंकी सुरक्षा बलों की गतिविधियों पर आसानी से नजर रख पा रहे हैं, जिससे ऑपरेशन और जटिल हो गया है।
हाल की सफलता
हाल ही में सेना ने ऑपरेशन महादेव के तहत पहलगाम हमले के तीन आतंकियों को ढेर कर बड़ी कामयाबी हासिल की थी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में बताया था कि 22 अप्रैल को खुफिया जानकारी के आधार पर आतंकियों की मौजूदगी का पता चला था, जिसके बाद सेना ने इस अभियान की योजना बनाई थी।
यह मुठभेड़ कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ चल रहे अभियानों की जटिलता और सुरक्षा बलों के दृढ़ संकल्प को दर्शाती है।