पटना, 4 जुलाई 2025, शुक्रवार: बिहार में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी चरम पर है और नेताओं के बीच जुबानी जंग तीखी होती जा रही है। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर बीजेपी का ‘एजेंट’ होने का गंभीर आरोप लगाकर सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। इस बयान पर बीजेपी की राज्यसभा सांसद धर्मशीला गुप्ता ने तीखा पलटवार करते हुए तेजस्वी को ‘हताश’ और ‘बेचैन’ करार दिया। वरिष्ठ पत्रकार अनिता चौधरी के साथ खास बातचीत में गुप्ता ने कहा, “तेजस्वी अपनी निश्चित हार से घबराए हुए हैं, इसलिए अनाप-शनाप बयानबाजी कर रहे हैं।”
चुनाव आयोग पर सवाल उठाने पर बीजेपी का पलटवार
धर्मशीला गुप्ता ने तेजस्वी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि चुनाव आयोग लोकतंत्र की आत्मा है और बिहार में शांतिपूर्ण चुनाव कराने की जिम्मेदारी निभा रहा है। उन्होंने तेजस्वी को नसीहत देते हुए कहा, “किसी का विरोध करने से कोई नेता नहीं बन जाता। तेजस्वी के पास न दिशा है, न नीति और न ही बिहार के विकास का कोई उद्देश्य। उनकी जमानत जब्त होने वाली है।” गुप्ता ने लालू-राबड़ी शासन को ‘जंगलराज’ बताते हुए आरोप लगाया कि उस दौर में बिहार में लूटपाट और गुंडागर्दी का बोलबाला था, जिसे जनता ने नकार दिया। उन्होंने दावा किया कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए ने बिहार में विकास की गंगा बहाई है।
नीतीश पर टिप्पणी और मोदी की तस्वीरों पर हंगामा
तेजस्वी के इस बयान पर कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ‘निढाल’ हैं और बिहार में बीजेपी ने एनडीए को ‘हाईजैक’ कर लिया है, गुप्ता ने हल्के-फुल्के अंदाज में जवाब दिया। उन्होंने कहा, “नरेंद्र मोदी 140 करोड़ भारतीयों के दिल में बसते हैं। उनकी तस्वीरें कार्यालयों में लगाना कोई गुनाह नहीं है। तेजस्वी को इससे घबराहट क्यों हो रही है?”
‘मौलाना’ विवाद पर तंज
तेजस्वी के ‘मौलाना’ कहलाने को स्वीकार करने वाले बयान पर गुप्ता ने तंज कसते हुए कहा, “वोटबैंक की खातिर तेजस्वी कभी मौलाना बन जाते हैं, कभी मुस्लिम टोपी पहन लेते हैं, कभी क्रिश्चियन। उन्हें तो अपना नाम मौलाना तेजस्वी प्रसाद यादव रख लेना चाहिए।” गुप्ता ने दावा किया कि बिहार की जनता तेजस्वी को नकार चुकी है और एनडीए पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आएगी।
वक्फ बोर्ड और यादव वोटबैंक पर बहस
तेजस्वी के वक्फ बोर्ड को लेकर बीजेपी पर मुस्लिमों को प्रताड़ित करने के आरोप पर गुप्ता ने कहा कि नया वक्फ बोर्ड बिल गरीब मुस्लिमों के हक और अधिकार के लिए लाया गया है। उन्होंने कहा, “पहले वक्फ बोर्ड भूमाफियाओं का अड्डा था, जिसे पीएम मोदी ने तोड़ा।” साथ ही, तेजस्वी के ‘मुस्लिम-यादव’ समीकरण के दावे को खारिज करते हुए गुप्ता ने कहा, “यादव समाज श्रीकृष्ण के वंशज हैं और विकास के साथ हैं। अयोध्या, मथुरा और बिहार में मां सीता से जुड़े स्थलों का विकास हो रहा है, इसलिए यादव समाज बीजेपी और एनडीए के साथ है।”
महिलाओं की सुरक्षा पर जोर
गुप्ता ने एनडीए सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि बिहार में महिलाओं के लिए पिंक बस और सुरक्षा के कदम उठाए गए हैं। पत्रकार अनिता चौधरी ने भी इस बात का समर्थन करते हुए कहा कि लालू-राबड़ी शासन में जंगलराज के कारण शाम पांच बजे के बाद लड़कियां घर से निकलने से डरती थीं, लेकिन अब बिहार में महिलाएं सुरक्षित हैं।
चुनावी माहौल में तेज होगी जंग
जैसे-जैसे बिहार में चुनाव नजदीक आ रही है, सियासी बयानबाजी और तीखी हो रही है। तेजस्वी के आक्रामक रुख और बीजेपी के जवाबी हमलों से यह साफ है कि बिहार का चुनावी रण बेहद रोमांचक होने वाला है। क्या बिहार की जनता एनडीए के विकास के नारे के साथ जाएगी या तेजस्वी के आरोपों का असर होगा? यह तो वक्त और वोट ही बताएंगे।