नई दिल्ली, 17 अगस्त 2025: मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने विपक्षी दलों के ‘वोट चोरी’ के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को सात दिन का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने कहा कि यदि राहुल गांधी सात दिनों के भीतर अपने आरोपों के समर्थन में हलफनामा पेश नहीं करते, तो उनके दावों को निराधार और अमान्य माना जाएगा। साथ ही, मतदाताओं को ‘फर्जी’ कहने के लिए उन्हें देश से माफी मांगनी होगी।
रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सीईसी ने कहा, “भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, जहां 60 फीसदी से अधिक मतदान होता है। हमारे पास 90-100 करोड़ मतदाताओं की सूची है। बिना सबूत के मतदाता सूची पर सवाल उठाना संविधान और कानून का उल्लंघन है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि चुनाव आयोग हर मतदाता के साथ चट्टान की तरह खड़ा है और बिना ठोस सबूत के किसी भी मतदाता का नाम सूची से नहीं हटाया जाएगा।
महाराष्ट्र में मतदाता सूची पर सवाल
सीईसी ने महाराष्ट्र के मामले का जिक्र करते हुए कहा कि वहां मतदाता सूची के ड्राफ्ट के समय दावे और आपत्तियां दर्ज करने का मौका दिया गया था, लेकिन कोई शिकायत नहीं आई। उन्होंने कहा, “चुनाव के आठ महीने बाद अब आरोप लगाए जा रहे हैं। एक भी मतदाता का नाम सबूत के साथ महाराष्ट्र के चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर को नहीं मिला।”
बिहार में गलत सूचना पर चिंता
ज्ञानेश कुमार ने बिहार में विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर कुछ दलों और नेताओं द्वारा फैलाई जा रही गलत सूचनाओं पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से बिहार में मसौदा मतदाता सूची पर दावे और आपत्तियां दर्ज करने की अपील की। उन्होंने कहा, “अभी 15 दिन का समय बाकी है। सभी हितधारक पारदर्शी तरीके से काम करें।”
चुनाव आयोग ने दोहरे मतदान और ‘वोट चोरी’ के आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा कि ये निराधार हैं। आयोग ने स्पष्ट किया कि वह मतदाता सूची की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
राहुल गांधी और विपक्षी दलों पर अब यह जिम्मेदारी है कि वे अपने आरोपों को सबूतों के साथ साबित करें, अन्यथा माफी की मांग को लेकर दबाव बढ़ सकता है।