नई दिल्ली, 28 जून 2025: देश की चुनावी प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने के लिए चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला लिया है। बिहार में शुरू हुए डोर-टू-डोर सर्वे की तर्ज पर अब पूरे देश की वोटर लिस्ट को ताजा और सटीक करने की तैयारी है। इस अभियान का मकसद डुप्लिकेट, फर्जी, मृत या स्थानांतरित मतदाताओं के नाम हटाकर केवल असली वोटरों को सूची में शामिल करना है। साथ ही नए मतदाताओं को जोड़ने का भी प्रावधान होगा।
अगस्त-सितंबर से शुरू हो सकता है अभियान
चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक, इस व्यापक अभियान की शुरुआत इसी साल अगस्त-सितंबर से हो सकती है। आयोग का फोकस देश के हर राज्य में स्वच्छ और विश्वसनीय वोटर लिस्ट तैयार करने पर है। इसमें एक से अधिक राज्यों में दर्ज वोटर, मृतक, विदेशी नागरिकता प्राप्त कर चुके या फर्जी तरीके से सूची में शामिल लोगों के नाम हटाए जाएंगे।
असली वोटरों की होगी पूरी सुरक्षा
चुनाव आयोग ने साफ किया है कि किसी भी वास्तविक मतदाता का नाम सूची से नहीं हटेगा। अगर गलती से किसी का नाम हट भी जाता है, तो वोटर लिस्ट के ड्राफ्ट प्रकाशन के बाद अपील का मौका दिया जाएगा। जांच के बाद ऐसे मतदाताओं के नाम फिर से जोड़े जाएंगे।
SIR के तहत होगा अपडेट
बिहार में चल रहे स्पेशल इंसेंटिव रिवीजन (SIR) की तरह ही अन्य राज्यों में भी वोटर लिस्ट को अपडेट किया जाएगा। बिहार के लिए 1 जनवरी 2003 को कट-ऑफ तारीख मानी गई है। इसी तरह, अन्य राज्यों के लिए भी 2001, 2002, 2003 या 2004 में हुए SIR को आधार बनाया जाएगा। इस कट-ऑफ तारीख तक सूची में शामिल मतदाताओं को बिना किसी दस्तावेज के नागरिक माना जाएगा।
नए वोटरों से मांगे जाएंगे दस्तावेज
कट-ऑफ तारीख के बाद वोटर लिस्ट में शामिल होने वाले या नए मतदाताओं को अपनी भारतीय नागरिकता साबित करने के लिए जन्मतिथि और जन्मस्थान जैसे दस्तावेज जमा करने होंगे। हालांकि, उन मतदाताओं के लिए क्या प्रक्रिया होगी जिनके पास दस्तावेज नहीं होंगे, इस पर अभी स्पष्टता नहीं है।
बिहार से हुई शुरुआत, देशभर में होगा लागू
चुनाव आयोग ने इस महत्वाकांक्षी अभियान की शुरुआत बिहार से कर दी है। आयोग का मानना है कि स्वच्छ वोटर लिस्ट से न केवल चुनावी प्रक्रिया पारदर्शी होगी, बल्कि लोकतंत्र और मजबूत होगा। यह कदम देश की चुनावी व्यवस्था में एक नया अध्याय जोड़ने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।