चुनाव आयोग ने खारिज किए विपक्ष के आरोप, बिहार में SIR पर दी सफाई

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पटना, 17 अगस्त 2025: चुनाव आयोग ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिहार विधानसभा चुनाव से पहले विशेष मतदाता सूची संशोधन (SIR) और विपक्ष के ‘वोट चोरी’ के आरोपों पर अपनी स्थिति स्पष्ट की। मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने विपक्षी दलों के दावों को निराधार बताते हुए कहा कि आयोग निष्पक्षता के साथ काम करता है और सत्तारूढ़ व विपक्षी दलों के बीच कोई भेदभाव नहीं करता।

‘SIR जरूरी और कानूनी प्रक्रिया’

CEC ज्ञानेश कुमार ने SIR की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि लोक प्रतिनिधित्व कानून के तहत हर चुनाव से पहले मतदाता सूची को शुद्ध करना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि 24 जून से 20 जुलाई तक बिहार में SIR की प्रक्रिया पूरी की गई, जो 2003 में 14 जुलाई से 14 अगस्त तक हुए SIR की तरह ही सफल रही। उन्होंने सवाल उठाया, “मतदाता सूची को चुनाव से पहले शुद्ध करना चाहिए या बाद में? यह हमारा संवैधानिक दायित्व है।”

विपक्ष पर गलत सूचना फैलाने का आरोप

चुनाव आयोग ने कांग्रेस और ‘इंडिया’ गठबंधन के कुछ दलों पर SIR को लेकर भ्रामक जानकारी फैलाने का आरोप लगाया। बिहार में ‘वोटर अधिकार यात्रा’ शुरू करने वाले विपक्षी दलों के ‘वोट चोरी’ के दावों को खारिज करते हुए CEC ने कहा कि SIR का मकसद मतदाता सूची को त्रुटिमुक्त करना है। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से मसौदा मतदाता सूची पर दावे और आपत्तियां दर्ज करने की अपील की, जिसके लिए अभी 15 दिन का समय शेष है।

पारदर्शिता पर जोर

चुनाव आयोग ने जोर देकर कहा कि SIR की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है और सभी हितधारक इसके सफल आयोजन में सहयोग कर रहे हैं। आयोग ने विपक्ष से गलत सूचना फैलाने के बजाय रचनात्मक सहयोग देने का अनुरोध किया।

यह बयान ऐसे समय में आया है, जब बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं, और विपक्ष मतदाता सूची में कथित गड़बड़ियों को लेकर सवाल उठा रहा है।

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