उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि जटिल भू-राजनीतिक परिदृश्य को देखते हुए देश की सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए स्वदेशी रूप से अत्याधुनिक तकनीकों को विकसित करने के सभी कोशिशें की जानी चाहिए। उन्होंने कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत के साथ हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) यूनिट का दौरा किया। यह उनका पहला दौरा है।
उपराष्ट्रपति ने किया एचएएल का दौरा, तेजस विमान में बैठकर उसके फीचर्स जानें
एचएएल और एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) के वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि एयरोस्पेस और रक्षा में इस प्रभावशाली बुनियादी ढांचे को देखने के बाद, वह अपने देश की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हैं। उन्होंने एचएएल की विभिन्न रक्षा परियोजनाओं में चल रही सार्वजनिक-निजी भागीदारी की सराहना की।
उन्होंने कहा कि वह भविष्य में एयरोस्पेस और रक्षा में भारत के आत्मनिर्भरता के सपने को साकार करने में एचएएल द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद करते हैं। उन्होंने कहा कि कंपनी ने अपनी स्थापना के बाद पिछले 80 वर्षों में जो भूमिका निभाई है उस पर मुझे गर्व है।
साथ ही कहा कि भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान एलसीए तेजस का बड़ी संख्या में उत्पादन होने को लेकर भी उन्हें काफी खुशी है। उन्होंने और गहलोत ने एलसीएच, एएलएच हैंगर और एलसीए तेजस डिवीजन का दौरा किया। उन्होंने तेजस विमान में बैठकर उसके फीचर्स की जानकारी भी ली।