वाराणसी, 7 जुलाई 2025। शिक्षा के मंदिरों में भ्रष्टाचार की काली स्याही उजागर हुई है। विजिलेंस ने वाराणसी के तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) हरिकेश यादव सहित 18 लोगों के खिलाफ फर्जी नियुक्तियों के गंभीर मामले में मुकदमा दर्ज किया है। यह घोटाला शैक्षणिक सत्र 2015-16 और 2016-17 के दौरान सात अनुदानित विद्यालयों में प्रधानाचार्य, सहायक शिक्षक और लिपिक के पदों पर फर्जी नियुक्तियों से जुड़ा है।
विजिलेंस की चार साल की गहन जांच के बाद यह कार्रवाई सामने आई है। शासन के निर्देश पर शुरू हुई जांच में फर्जीवाड़े की पुष्टि हुई, जिसमें सरकारी धन का गबन और सिस्टम की खामियों का दुरुपयोग सामने आया। मुख्य आरोपी हरिकेश यादव, जो वर्तमान में सुल्तानपुर के डाइट में तैनात हैं, के साथ चार खंड शिक्षा अधिकारी—ब्रजेश राय, राम टहल, सुभाष गुप्ता और अरविंद यादव—तथा स्कूल प्रबंधकों, शिक्षकों और लिपिकों के नाम भी शामिल हैं।
घोटाले का खुलासा:
जांच में पाया गया कि जगन नारायण तिवारी विद्यालय, ग्राम सेवा मंडल जूनियर हाई स्कूल, पुष्प रंजन बालिका विद्यालय, दुर्गेश्वरी पूर्व माध्यमिक विद्यालय और श्री विश्वकर्मा पूर्व माध्यमिक विद्यालय जैसे स्कूलों में फर्जी नियुक्तियां की गईं। इन नियुक्तियों के जरिए सरकारी धन की बंदरबांट की गई।
विजिलेंस की कार्रवाई:
शासन के आदेश पर शुरू हुई जांच में विजिलेंस ने तथ्यों को खंगाला और दोषियों के खिलाफ ठोस सबूत जुटाए। इसके आधार पर 18 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है।
शिक्षा विभाग में इस तरह के भ्रष्टाचार ने अभिभावकों और समाज में आक्रोश पैदा कर दिया है। शिक्षा जैसे पवित्र क्षेत्र में इस तरह की गड़बड़ियां अब बर्दाश्त नहीं! जनता और प्रशासन की नजरें अब इस मामले में आगे की कार्रवाई पर टिकी हैं।