नई दिल्ली, 11 जुलाई 2025: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ अपनी मुहिम को और तेज करते हुए तीन सनसनीखेज मामलों में कार्रवाई की है। ये मामले धार्मिक रैकेट, सरकारी मुआवजा घोटाले और पर्यावरणीय भ्रष्टाचार से जुड़े हैं, जो समाज के हर तबके को झकझोर रहे हैं।
छांगुर बाबा का काला साम्राज्य ध्वस्त
लखनऊ में तथाकथित छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन पर ईडी ने शिकंजा कसा है। बाबा पर जबरन धर्मांतरण और विदेशी फंडिंग के जरिए अवैध संपत्ति जुटाने का आरोप है। लखनऊ एटीएस की FIR के आधार पर शुरू हुई जांच में खुलासा हुआ कि बाबा के 40 बैंक खातों में ₹106 करोड़ जमा हैं, जिनका बड़ा हिस्सा मिडिल ईस्ट से आया। बहराइच-बालरामपुर में ₹100 करोड़ की संपत्ति और अवैध निर्माण भी सामने आए, जिन पर अब बुलडोजर चल चुका है। बाबा और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन को गिरफ्तार कर लिया गया है, और ईडी अब ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड खंगाल रही है।
कर्नाटक में डबल मुआवजा घोटाला उजागर
बेंगलुरु में ईडी ने कर्नाटक इंडस्ट्रियल एरिया डेवलपमेंट बोर्ड (KIADB) से जुड़े डबल मुआवजा घोटाले में रवि यल्लप्पा कुर्बेट को दबोचा। जांच में पता चला कि एक ही जमीन के लिए दो बार मुआवजा वितरित किया गया, जिसमें मृतकों और पहले से भुगतान पा चुके लोगों के नाम भी शामिल थे। इस घोटाले से अर्जित धन से खरीदी गई ₹13 करोड़ की संपत्तियां जब्त की गई हैं, और 22 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। कोर्ट में ट्रायल शुरू हो गया है, और ईडी बाकी संदिग्धों की तलाश में जुटी है।
कार्बेट टाइगर रिजर्व में भ्रष्टाचार की सैर
उत्तराखंड के कार्बेट टाइगर रिजर्व में अवैध निर्माण और भ्रष्टाचार के मामले में ईडी ने पूर्व डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर किशनचंद और रेंजर ब्रिज बिहारी शर्मा पर नकेल कसी। हरिद्वार और बिजनौर में इनके द्वारा जुटाई गई ₹1.75 करोड़ की संपत्तियां जब्त की गईं। विजिलेंस की FIR के आधार पर शुरू हुई जांच में खुलासा हुआ कि इन अधिकारियों ने नियमों को ताक पर रखकर अवैध निर्माण करवाए और सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचाया। इनके परिवार वालों के नाम पर भी संपत्तियां दर्ज पाई गईं।
ईडी की इन कार्रवाइयों ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख को फिर से रेखांकित किया है। जांच एजेंसी अब इन मामलों की और गहराई से पड़ताल कर रही है, ताकि भ्रष्टाचार की जड़ों को उखाड़ा जा सके।