पोर्ट ब्लेयर, 31 जुलाई 2025: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में अपनी पहली तलाशी कार्रवाई को अंजाम देते हुए अंडमान निकोबार राज्य सहकारी बैंक (एएनएससीबी) से जुड़े 200 करोड़ रुपये के कथित ऋण घोटाले की जांच शुरू की है। इस अभियान के तहत पोर्ट ब्लेयर और आसपास के नौ स्थानों के साथ-साथ कोलकाता में दो स्थानों पर छापेमारी की गई। इस मामले में कांग्रेस के पूर्व सांसद और एएनएससीबी के उपाध्यक्ष कुलदीप राय शर्मा मुख्य रूप से जांच के दायरे में हैं।
ईडी के सूत्रों के अनुसार, पोर्ट ब्लेयर में तलाशी के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए हैं, जो बैंक द्वारा ऋण और ओवरड्राफ्ट सुविधाओं के आवंटन में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं की ओर इशारा करते हैं। जांच से पता चला है कि बैंक की निर्धारित प्रक्रियाओं और दिशानिर्देशों की अनदेखी कर विभिन्न शेल कंपनियों और फर्मों को ऋण सुविधाएं प्रदान की गईं।
15 शेल कंपनियों के जरिए 200 करोड़ की धोखाधड़ी
जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि कुलदीप राय शर्मा के लाभ के लिए संदिग्धों द्वारा लगभग 15 संस्थाओं/कंपनियों का एक समूह बनाया गया। इन संस्थाओं ने एएनएससीबी से धोखाधड़ी के जरिए 200 करोड़ रुपये से अधिक की ऋण राशि हासिल की। सूत्रों के मुताबिक, इन ऋणों का एक बड़ा हिस्सा नकद में निकाला गया और इसे शर्मा सहित अन्य लाभार्थियों को हस्तांतरित किया गया। उल्लेखनीय है कि कुलदीप राय शर्मा (57) वर्ष 2019 से 2024 तक अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के सांसद रहे और वर्तमान में एएनएससीबी के उपाध्यक्ष हैं।
पुलिस की प्राथमिकी से शुरू हुई जांच
ईडी ने यह कार्रवाई अंडमान और निकोबार पुलिस के अपराध एवं आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर शुरू की। प्राथमिकी में बैंक अधिकारियों और निजी व्यक्तियों के खिलाफ ऋण वितरण में अनियमितताओं का आरोप लगाया गया था। इससे पहले, 18 जुलाई 2025 को कुलदीप राय शर्मा को पोर्ट ब्लेयर के एक निजी अस्पताल से गिरफ्तार किया गया था, जहां वे स्वास्थ्य समस्याओं के चलते भर्ती थे। इस मामले में अब तक आठ अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें बैंक के प्रबंध निदेशक के. मुरुगन और अन्य निदेशक शामिल हैं।
राजनीतिक विवाद और जांच की प्रगति
इस मामले ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में राजनीतिक हलचल मचा दी है। कांग्रेस नेता और अंडमान-निकोबार के प्रभारी मणिकम टैगोर ने इस जांच को राजनीति से प्रेरित बताते हुए पार्टी की छवि खराब करने का आरोप लगाया है। हालांकि, ईडी और पुलिस का कहना है कि जांच पूरी तरह से तथ्यों और सबूतों पर आधारित है।
ईडी की यह पहली तलाशी कार्रवाई बंगाल की खाड़ी में स्थित इस केंद्र शासित प्रदेश में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत की गई है। जांच एजेंसी ने संकेत दिए हैं कि मामले में और भी खुलासे हो सकते हैं, क्योंकि बरामद दस्तावेजों की गहन जांच की जा रही है।
आगे की कार्रवाई
सूत्रों के अनुसार, ईडी अब इन शेल कंपनियों के नेटवर्क और उनके द्वारा हस्तांतरित धन के स्रोतों की गहराई से जांच कर रही है। कुलदीप राय शर्मा और अन्य आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई को और सख्त करने की तैयारी है। इस मामले के राजनीतिक और वित्तीय प्रभाव अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में सहकारी बैंकिंग क्षेत्र के लिए दीर्घकालिक परिणाम ला सकते हैं।