N/A
Total Visitor
34.4 C
Delhi
Friday, June 27, 2025

मुंबई-हैदराबाद में ईडी का बड़ा धमाका: 31.85 करोड़ की संपत्ति जब्त, अवैध निर्माण घोटाले का पर्दाफाश

नई दिल्ली, 15 मई 2025, गुरुवार। मुंबई और हैदराबाद में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक सनसनीखेज कार्रवाई में 31.85 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर वसई-विरार के विशाल अवैध निर्माण घोटाले का भंडाफोड़ किया है। इस घोटाले के मास्टरमाइंड के रूप में सीताराम गुप्ता, अरुण गुप्ता और अन्य लोगों के नाम सामने आए हैं, जिन्होंने फर्जी दस्तावेजों और भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी जमीन पर अवैध इमारतें खड़ी कीं।

छापेमारी में मिला खजाना

14 और 15 मई, 2025 को मुंबई और हैदराबाद के 13 ठिकानों पर ईडी ने एक साथ छापेमारी की। इस दौरान वसई-विरार नगर निगम के डिप्टी डायरेक्टर टाउन प्लानिंग, वाई.एस. रेड्डी के परिसरों से 8.6 करोड़ रुपये नकद और 23.25 करोड़ रुपये की कीमत के हीरे जड़े आभूषण व सोने-चांदी के बुलियन जब्त किए गए। कुल 9.04 करोड़ रुपये नकद और आपत्तिजनक संपत्ति दस्तावेज भी बरामद हुए, जो इस घोटाले की गहराई को उजागर करते हैं।

घोटाले की जड़: सरकारी जमीन पर कब्जा

जांच में पता चला कि इस घोटाले का केंद्र वसई-विरार में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और डंपिंग ग्राउंड के लिए आरक्षित 60 एकड़ सरकारी जमीन है। आरोपियों ने 30 एकड़ निजी और 30 एकड़ सरकारी जमीन को फर्जी दस्तावेजों के जरिए हड़प लिया। मृत लोगों के नाम पर जटिल फर्जी दस्तावेजों की चेन बनाकर जमीन का स्वामित्व साबित किया गया, जिसे बाद में बिल्डरों को बेच दिया गया।

2009 से वसई-विरार महानगरपालिका (VVMC) के भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से बिना निर्माण अनुमति (CC) और अधिभोग प्रमाणपत्र (OC) के 41 आवासीय और व्यावसायिक इमारतें बनाई गईं। इन इमारतों को झूठे स्वीकृति पत्रों के दम पर आम लोगों को बेचा गया, जिससे सैकड़ों खरीदार ठगी के शिकार हुए।

कोर्ट का हथौड़ा, इमारतें ध्वस्त

बॉम्बे हाईकोर्ट ने 8 जुलाई, 2024 को इन 41 इमारतों को गिराने का आदेश दिया। बिल्डरों की सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका भी खारिज हो गई, जिसके बाद VVMC ने 20 फरवरी, 2025 तक सभी इमारतों को ध्वस्त कर दिया। दिलचस्प बात यह है कि 2009-2011 के बीच इसी जमीन पर 168 इमारतें और 74 झुग्गी कमरे भी बनाए गए थे, जिन्हें हाईकोर्ट के आदेश पर 2013 में गिरा दिया गया था।

ईडी की जांच जारी

ईडी ने यह कार्रवाई मीरा-भायंदर पुलिस कमिश्नरेट की कई प्राथमिकी के आधार पर दर्ज ECIR/MBZO-II/10/2025 के तहत की। जांच में सामने आए तथ्य इस घोटाले के व्यापक नेटवर्क और भ्रष्टाचार की गहरी जड़ों को दर्शाते हैं। ईडी का कहना है कि जांच अभी जारी है और जल्द ही इस मामले में और बड़े खुलासे हो सकते हैं।

Advertisement

spot_img

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

2,300FansLike
9,694FollowersFollow
19,500SubscribersSubscribe

Advertisement Section

- Advertisement -spot_imgspot_imgspot_img

Latest Articles

Translate »