मुंबई, 16 जुलाई 2025: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अवैध डब्बा ट्रेडिंग और ऑनलाइन सट्टेबाजी के एक बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ करते हुए मुंबई में चार स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया। इस कार्रवाई में 3.3 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी, लग्जरी घड़ियाँ, आभूषण, विदेशी मुद्रा, और लग्जरी वाहन जब्त किए गए। इसके अलावा, नकदी गिनने वाली मशीनें भी बरामद की गईं। यह जांच धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत शुरू की गई है, जो इंदौर के लसूड़िया पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर संख्या 0041/2025 पर आधारित है। एफआईआर भारतीय न्याय संहिता की धारा 319(2) (धोखाधड़ी) और 318(4) (जालसाजी) के तहत 9 जनवरी 2025 को दर्ज की गई थी।
जांच के दायरे में प्रमुख प्लेटफॉर्म
ईडी की जांच में कई अवैध ट्रेडिंग और सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म सामने आए हैं, जिनमें वीमनी, वीएम ट्रेडिंग, स्टैंडर्ड ट्रेड्स लिमिटेड, आईबुल कैपिटल, लोटसबुक, 11स्टार्स, और गेमबेटलीग शामिल हैं। ये प्लेटफॉर्म व्हाइट-लेबल ऐप्स के जरिए संचालित किए जा रहे थे, जिनके एडमिन अधिकार लाभ-साझाकरण के आधार पर विभिन्न ऑपरेटरों के बीच हस्तांतरित किए गए। इन ऐप्स का उपयोग अवैध वित्तीय गतिविधियों को छिपाने के लिए एक जटिल डिजिटल नेटवर्क के रूप में किया जा रहा था।
जांच से खुलासा: संगठित वित्तीय कार्टेल जैसी संरचना
जांच में पता चला कि वीमनी और 11स्टार्स के लाभार्थी स्वामी विशाल अग्निहोत्री ने लोटसबुक सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म के एडमिन अधिकार 5% लाभ-साझाकरण व्यवस्था के तहत हासिल किए थे। बाद में, उन्होंने इन अधिकारों को धवल देवराज जैन को हस्तांतरित कर दिया, जिसमें अग्निहोत्री ने 0.125% लाभ अपने पास रखा और शेष 4.875% जैन को मिला। जैन ने अपने सहयोगी जॉन स्टेट्स उर्फ पांडे के साथ मिलकर एक व्हाइट-लेबल सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म विकसित किया, जिसे 11स्टार्स.इन के संचालन के लिए अग्निहोत्री को प्रदान किया गया।
इसके अतिरिक्त, मयूर पड्या उर्फ पड्या को एक प्रमुख हवाला ऑपरेटर के रूप में पहचाना गया, जो सट्टेबाजी संचालन से संबंधित नकद-आधारित फंड ट्रांसफर और भुगतान का प्रबंधन करता था। ईडी के एक अधिकारी ने बताया, “यह रैकेट केवल व्यक्तिगत प्लेटफॉर्म तक सीमित नहीं था; इसमें एक संरचित पदानुक्रम और राजस्व-साझाकरण व्यवस्था थी, जो इसे एक संगठित वित्तीय कार्टेल जैसा बनाती थी।”
जब्त सामान और चल रही जांच
मुंबई में तलाशी के दौरान ईडी ने 3.3 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी, लग्जरी घड़ियाँ, आभूषण, विदेशी मुद्रा, और उच्च श्रेणी के वाहन (जिनमें मर्सिडीज जैसी कारें शामिल हैं) जब्त किए। इसके साथ ही डिजिटल डिवाइस और वित्तीय दस्तावेज भी बरामद किए गए, जिनकी जांच चल रही है ताकि इस अवैध धन के पूरे नेटवर्क का पता लगाया जा सके।
डब्बा ट्रेडिंग और ऑनलाइन सट्टेबाजी का संचालन
डब्बा ट्रेडिंग एक अवैध और अनियमित व्यापार प्रणाली है, जो औपचारिक स्टॉक एक्सचेंज को बायपास करती है। इसमें व्यापारी पंजीकृत ब्रोकर के बजाय अनधिकृत ब्रोकर के साथ सौदे करते हैं, और भुगतान नकद या ब्रोकर के निजी बैंक खाते में किया जाता है। यह प्रणाली शेयर बाजार की अस्थिरता पर सट्टेबाजी की तरह काम करती है, बिना किसी वैध रिकॉर्ड के। लोटसबुक जैसे सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म मुख्य रूप से भारतीय उपयोगकर्ताओं को लक्षित करते हैं और मोबाइल वेबसाइट्स या अनौपचारिक ऐप्स (एपीके) के जरिए संचालित होते हैं, जो Google Play या Apple App Store पर उपलब्ध नहीं होते। ये प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे माध्यमों से संचार करके नियामक जांच से बचते हैं।
आगे की कार्रवाई
ईडी इस मामले में शामिल हवाला ऑपरेटरों और ऑफशोर सिंडिकेट्स के नेटवर्क की गहन जांच कर रही है, जो करोड़ों रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल हैं। जब्त किए गए डिजिटल और वित्तीय रिकॉर्ड की जांच से इस नेटवर्क की पूरी कार्यप्रणाली और इसमें शामिल अन्य पक्षों का पता लगाने में मदद मिलेगी। यह कार्रवाई अवैध व्यापार और सट्टेबाजी पर नियामक निगरानी को और सख्त करने का संकेत देती है।