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Friday, July 4, 2025

उत्तर प्रदेश में आज से ई-मंडी परियोजना लागू की जा रही है

उत्तर प्रदेश में सोमवार पहली मार्च से ई-मंडी परियोजना लागू की जा रही है। इस परियोजना के तहत तयशुदा कृषि उत्पादों के मंडी प्रपत्र जैसे फार्म संख्या छह, फार्म संख्या नौ और गेट पास इलेक्ट्रॉनिक रूप से ही मान्य होंगे यानि ई-मंडी पोर्टल emandi.up.gov.in के जरिए जारी किए गए फार्म ही मान्य होंगे।

राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद द्वारा प्रदेश की सभी 220 मंडी स्थल निर्मित मंडी समितियों में कृषि जिन्सों की खरीद-फरोख्त को सहज रूप से संचालित करने के लिए ई-मंडी के रूप में एक इलेट्रानिक पोर्टल एनआईसी के सहयोग से विकसित किया गया है। ई-मंडी एक वे बेस्ड पोर्टल है जिसमें मंडी से जुड़े हुए व्यापारियों के लिए लाइसेंस, फार्म संख्या छह, फार्म संख्या नौ, गेटपास आवेदन माड्यूल उपलब्ध हैं। सभी लाइसेंसियों के कार्यों के अनुसार उनके लागिन बनाए गए हैं, जिससे वह अपने कार्य आनलाइन सम्पादित कर सकते हैं।

ई-मंडी के तहत फरवरी 2021 तक आठ लाख से अधिक फार्म संख्या छह, 4.8 लाख फार्म संख्या नौ और 1.8 लाख गेटपास आनलाइन जारी किए जा चुके हैं। केवल फरवरी में ही लगभग चार लाख मीट्रिक टन कृषि उत्पाद का व्यापार ई-मंडी के जरिए हुआ है। ई-मंडी से जहां एक ओर किसानों को उनके विक्रम फार्म उपलब्ध हो रहे हैं, वहीं व्यापारियों को आनलाइन गेटपास की सुविधा भी मिल रही है। इससे व्यापारियों के स्टाक और डिमाण्ड कलेक्शन की गणना स्वत: हो रही है।

व्यापारियों की सुविधा के लिए मंडी समितियों में हेल्प डेस्क स्थापित किए गए हैं। जहां पर व्यापारी कम्प्यूटर और इण्टरनेट का उपयोग ई-मंडी के कार्यो के लिए नि:शुल्क कर सकते हैं। इसके अलावा मंडी परिषद मुख्यालय पर भी एक हेल्प डेस्क बनाई गई है। जिसमें मंडी टेक्निकल असिस्टेंट तैनात किए गए हैं जो व्यापारियों और मण्डियों को जरूरी तकनीकी मदद 24 घंटे प्रदान करेंगे।

क्या है ई-मंडी से व्यापार की प्रक्रिया
मंडी स्थल में दाखिल होते ही किसानों और व्यापारियों को आनलाइन प्रवेश पर्ची जारी की जाती है। किसान अपने उत्पाद को नीलामी द्वारा या सीधे भी जिस लाइसेंसी व्यापारी को बेचता है उसके द्वारा आनलाइन फार्म छह जारी किया जाता है। फार्म संख्या छह जारी होने के बाद व्यापारी के स्टाक में वह उत्पाद मात्रा सहित जुड़ जाता है। व्यापारी जब दूसरे स्थानीय व्यापारी को अपना उत्पाद बेचता है तो वह फार्म संख्या नौ आनलाइन जारी करता है जिससे उसका स्टाक खारिज हो जाता है और दूसरे व्यापारी के स्टाक में दर्ज हो जाता है।

अगर दूसरा व्यापारी दूसरी मंडी के क्षेत्र या दूसरे प्रदेश का है तो पहला व्यापारी फार्म संख्या पांच में गेट पास के लिए  आनलाइन आवेदन करता है और मंडी द्वारा आनलाइन ही गेट पास जारी कर दिया जाता है। यह गेटपास जब दूसरी मंडी पहुंचता है तो वहां गेट पर दूसरी पर्ची आनलाइन जारी की जाती है इससे जिस व्यापारी के लिए उत्पाद आया होता है उसके स्टाक में उत्पाद जुड़ जाता है।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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