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Friday, June 27, 2025

दिल्ली में धूल भरी हवाएं बहने से फसलों को हो सकता है नुकसान

राजस्थान की ओर से सूखी, धूल भरी हवाएं दिल्ली में बहने लगी हैं, जिससे राजधानी में हवा की गुणवत्ता और विजिबिलिटी में गिरावट आई है। मंगलवार को औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 232 (खराब श्रेणी) में दर्ज किया गया था। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, पीएम 10 का कंसंट्रेशन (मोटे प्रदूषण के कण) 224 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से शाम 4 बजे तक 326 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर हो गई। रात 9 बजे पीएम 10 का कंसंट्रेशन 361.1 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था। सीपीसीबी के अनुसार पीएम 10 के लिए 24 घंटे का सुरक्षित मानक 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग के वैज्ञानिकों ने कहा कि हवा की गुणवत्ता में और गिरावट आने की संभावना है, 1 अप्रैल तक शहर में तेज हवाएं चलने की संभावना है। क्षेत्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि आसमान के रंग में परिवर्तन मुख्य रूप से धूल के कारण होता है। चारों ओर मिट्टी उड़ रही है और तेज हवाएँ इस मिट्टी और धूल के कणों को बढ़ा रही हैं। लगभग 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से बहने वाली पश्चिमी हवाएं भी राजस्थान से धूल ला रही हैं। ये स्थिति 1 अप्रैल तक जारी रहेगी, जिसके बाद तापमान में और वृद्धि होगी। मंगलवार दोपहर को रिलेटिव ह्यमिडिटी केवल 16% से 17% तक रही। आईएमडी के वैज्ञानिकों के अनुसार, धूल भरी हवाएं पूरे इंडो- गैंगटिक प्लेंस क्षेत्र को प्रभावित कर रही हैं।

उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और दिल्ली के कुछ हिस्सों में सोमवार को साफ आसमान, सोलर रेडिएशन और कम हवा की गति के कारण हीट वेव की स्थिति दर्ज की गई। लेकिन तेज हवाएं अब अधिकतम तापमान को नियंत्रण में रखने में मदद करेंगी। अधिकतम तापमान 2 अप्रैल या 3 अप्रैल से फिर से बढ़ेगा।

अचानक अधिक गर्मी की वजहः

दिल्ली में प्रादेशिक मौसम पूर्वानुमान केंद्र के निदेशक डॉ. कुलदीप श्रीवास्तव बताते हैं कि कमजोर पश्चिमी विक्षोभ की वजह से इस बार लोगों को सामान्य से ज्यादा गर्मी झेलनी पड़ रही है। पहले तो फरवरी महीने में जो पश्चिमी विक्षोभ आए वे कमजोर रहे। फिर मार्च के महीने में भी आए पश्चिमी विक्षोभ कमजोर रहे। इसकी वजह से उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हिमपात कम हुआ और मैदानी इलाकों में बरसात कम हुई। इसके चलते गर्मी का स्तर सामान्य से ज्यादा रहा।

गर्मी के और बढ़ने का अनुमान:

मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद का कहना है कि ऊपरी वायुमंडल में चक्रवाती प्रवाह नहीं है। आसमान साफ होने से सूर्य की तेज किरण से लू का अहसास हो रहा है। अगले 24 घंटे तापमान में वृद्धि के आसार हैं। मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि अप्रैल के प्रथम सप्ताह में गर्मी और ज्यादा बढ़ सकती है। स्काईमेट मौसम रिपोर्ट के अनुसार मध्य भारत में भीषण गर्मी का प्रकोप अगले 24 घंटों तक जारी रहेगा।

अचानक तेज गर्मी सेहत के लिए ठीक नहीं :

बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. विभव वार्ष्णेय के मुताबिक मौसम का एकाएक ये बदलाव सेहत के लिए ठीक नहीं है। विशेष रूप से बच्चों के लिए नुकसानदायक है। इस मौसम में सर्दी, जुकाम, खांसी, उल्टी-दस्त व वायरल आदि संक्रामक बीमारियों की चपेट में बच्चे आ सकते हैं। खानपान में भी सावधानी बरतने की जरूरत है।

फसल को हो सकता है नुकसान:

कृषि वैज्ञानिक अनिल कुमार सिंह ने बताया कि तेज गर्मी की वजह से गेहूं व सरसों की फसलों को नुकसान हो सकता है। चटख धूप होने से खेतों से नमी तेजी से कम होती है।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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