मेट्रो में यात्रियों के सफर को सुरक्षित और निर्बाध बनाए रखने के लिए पुल, आधारभूत संरचना में कमी की आसानी से पहचान ड्रोन से की जाएगी। मौसमी बदलाव से प्रभावित उपकरण, डिजाइन या पुरानी सिविल संरचनाओं का ड्रोन से निरीक्षण करने के बाद इसे दुरुस्त किया जाएगा। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने एलिवेटेड कॉरिडोर की निगरानी ड्रोन से शुरू कर दी है। डीएमआरसी की ओर से पहले मैन्युअल तरीके से संरचनाओं और ट्रेन का परिचालन की एलिवेटेड कॉरिडोर पर निगरानी की जा रही थी।
समय की होगी बचत : केबल फॉल्ट या ओवरहेड केबल में होने वाली खराबी का पता करने में भी न तो अधिक वक्त लगेगा और न ही इसके लिए कर्मियों की जरूरत होगी। ड्रोन से वास्तविक समय पर निगरानी में दिखने वाली कमियों को तत्काल दूर किया जाएगा।
ड्रोन के जरिये अधिक ऊंचाई या संकरी जगह पर भी बेहतर दृश्यता के साथ निरीक्षण की जा सकेगी। कई लाइनों पर 15-20 साल पुरानी मेट्रो का परिचालन हो रहा है। निरीक्षण केे सिलसिले में सभी सिविल संरचनाओं की बारीकी से जांच होगी। इससे त्रुटियों की आशंका कम होगी और परिचालन में सुरक्षा से मेट्रो की विश्वसनीयता में और बढ़ोतरी होगी।
दो लाइनों पर चालक रहित मेट्रो सेवाओं की शुरुआत से ड्रोन की भूमिका और बढ़ गई है। एलिवेटेड ट्रैक के इर्द गिर्द के ऊंचाई या संकरी जगहों पर भी सभी सिविल संरचनाओं की स्थिति पर भी बराबर नजर बनी रहेगी। अगर कोई खामी आती है तो पहचान के बाद दूर कर लिया जाएगा। इससे सेवाओं की गुणवत्ता और बढ़ जाएगी।
तकनीकी खराबी की पहचान के बाद स्काई लिफ्ट, ट्रॉली या सहायक उपकरणों की मदद से निरीक्षण दल के सदस्य कमियों को दूर करते हैं। ड्रोन से सर्वेक्षण के कारण मेट्रो परिचालन में दिक्कतें आसानी से दूर की जा सकेंगी। चरणों में पूरे नेटवर्क में ड्रोन से मेट्रो की निगरानी की जाएगी।
लंदन की संस्था ट्रांसपोर्ट स्ट्रेटजी सेंटर (टीसीएस)की ओर से ग्राहक संतुष्टि सर्वेेक्षण कार्यक्रम की शुरुआत सोमवार से की जाएगी। एक मई तक चलने वाले सर्वेक्षण का उद्देश्य मेट्रो परिचालन और सेवाओं की गुणवत्ता के बारे में यात्रियों से सुझाव और अनुभवों को हासिल करना है। इसका इस्तेमाल सेवाओं में गुणात्मक सुधार के लिए किया जाएगा। ताकि यात्रियों को मेट्रो में सफर में और सुखद यात्रा का अहसास हो सके।
मेट्रो से यात्रा करने वाले डीएमआरसी की वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.डीईएलएचआईमेट्रोरेल.कॉम पर दिए गए लिंक पर क्लिक कर ऑनलाइन सर्वेक्षण में शामिल हो सकते हैं। सर्वेक्षण फॉर्म अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं में उपलब्ध होगा। इसमें मेट्रो की उपलब्धता, पहुंच, सहूलियत, विश्वसनीयता, ग्राहक सेवा, सुख सुविधाएं, भीड़भाड़, सुरक्षा और संतुष्टि के बारे में यात्री अपने अनुभव साझा कर सकेंगे।
दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) के प्रमुख कार्यकारी निदेशक(कॉरपोरेट कम्युनिकेशन) अनुज दयाल के मुताबिक इस सर्वेक्षण से कार्यप्रणाली को और बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। इससे भविष्य में और बेहतर व गुणात्मक सेवाएं यात्रियों को मुहैया की जा सकेंगी।
उनके सुझाव और अनुभवों के आधार पर जरूरी बदलाव भी किए जाएंगे, ताकि सफर के दौरान मेट्रो में विश्व स्तरीय परिवहन सुविधा का अहसास हो सके।