नई दिल्ली, 24 मई 2025, शनिवार। तमिलनाडु के डिंडीगुल जिले में शनिवार को एक ऐसी घटना घटी, जिसने सभी को झकझोर कर रख दिया। एक प्राइवेट बस पुदुकोट्टई की ओर तेजी से बढ़ रही थी, जिसमें करीब 30 से 40 यात्री सवार थे। अचानक, बस का ड्राइवर प्रभु सीने में तेज दर्द से कराह उठा। उसने कंडक्टर को अपनी तकलीफ बताई, लेकिन पलक झपकते ही स्थिति बिगड़ गई। हार्ट अटैक की वजह से प्रभु सीट से लुढ़क कर गिर पड़ा, और बस अनियंत्रित होकर बेलगाम दौड़ने लगी।
चीख-पुकार के बीच कंडक्टर बना हीरो
बस में सवार यात्रियों के बीच हड़कंप मच गया। चीख-पुकार और अफरा-तफरी का माहौल था। हर कोई अपनी जान की सलामती की दुआ मांग रहा था। लेकिन इस भयावह पल में कंडक्टर ने अद्भुत साहस और सूझबूझ का परिचय दिया। उसने तुरंत बस के अगले हिस्से में छलांग लगाई और इमरजेंसी ब्रेक खींचकर बस को रोक दिया। उसकी इस त्वरित प्रतिक्रिया ने एक बड़े हादसे को टाल दिया, और 40 यात्रियों की जान बच गई।
ड्राइवर की मौत, पुलिस जांच शुरू
घटना के बाद ड्राइवर प्रभु को तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। प्रभु की अचानक मौत ने सभी को स्तब्ध कर दिया। पुलिस ने इस मामले में अप्राकृतिक मृत्यु का केस दर्ज किया है और कंडक्टर व यात्रियों से पूछताछ शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि प्रभु को कन्नकपट्टी इलाके को पार करते समय सीने में दर्द शुरू हुआ था, जिसे उसने कंडक्टर को बताया भी था।
साहस की मिसाल: कंडक्टर की तारीफ
इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि विपत्ति के समय साहस और सूझबूझ कितनी बड़ी ताकत हो सकती है। कंडक्टर की त्वरित कार्रवाई ने न केवल एक बड़े हादसे को रोका, बल्कि उसने मानवता और जिम्मेदारी की एक मिसाल भी कायम की। यात्रियों ने कंडक्टर की इस बहादुरी की जमकर तारीफ की और उसे अपने लिए एक सच्चा नायक बताया।