वाराणसी, 19 जून 2025, गुरुवार। वाराणसी में एक पुलिस आरक्षी के साथ धोखाधड़ी का चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां फ्लैट दिलाने के झूठे वादे के नाम पर उनसे 15 लाख रुपये से ज्यादा ठग लिए गए। पीड़ित आरक्षी अखिलेश यादव, जो वर्तमान में महिला आयोग प्रकोष्ठ, कमिश्नरेट वाराणसी में तैनात हैं, ने इस ठगी के मास्टरमाइंड गौरव गुप्ता के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गुहार लगाई है।
दोस्ती का फायदा उठाकर बुना जाल
कहानी 2016-17 से शुरू होती है, जब अखिलेश की तैनाती जैतपुरा और सारनाथ थानों में थी। यहीं उनकी मुलाकात गौरव गुप्ता से हुई, जो अशोक विहार कॉलोनी, पहड़िया का रहने वाला है और ‘विक्रांत फाइनेंशियल सर्विसेज’ व ‘हट एंड ग्रिल रेस्टोरेंट’ का संचालक है। गौरव ने अखिलेश को अपने विश्वास में लिया और दावा किया कि वह अप्रैल 2025 में एक अपार्टमेंट खरीद रहा है। उसने लुभावना ऑफर दिया कि अगर अखिलेश कुछ रकम अग्रिम दें, तो उन्हें उसी अपार्टमेंट में फ्लैट मिल जाएगा। साथ ही, यह भी वादा किया कि अगर फ्लैट पसंद न आया, तो पूरी राशि अप्रैल 2025 में लौटा दी जाएगी।
ब्लैंक चेक और स्टांप पेपर का झांसा
गौरव ने अपने झूठ को पक्का करने के लिए अखिलेश को एक ब्लैंक चेक और स्टांप पेपर थमा दिया। भरोसे में आकर अखिलेश ने अपनी पत्नी की सलाह पर बैंक ऑफ बड़ौदा (नदेसर शाखा) से 10 लाख का लोन लिया, जिसमें से 5 लाख गौरव को दिए। फिर चेतगंज शाखा से 7 लाख का दूसरा लोन और पत्नी व सास के खातों से 3 लाख रुपये गौरव के हवाले कर दिए। इस तरह कुल 15 लाख रुपये की रकम गौरव के हाथों में पहुंच गई।
वादों का टूटा भरोसा
गौरव ने वादा किया था कि वह हर महीने बैंक की 29,468 रुपये की ईएमआई खुद भरेगा। फरवरी 2025 तक उसने ऐसा किया भी, जिससे अखिलेश का भरोसा बना रहा। लेकिन मार्च और अप्रैल 2025 में उसने ईएमआई देना बंद कर दिया और फोन-मैसेज का जवाब देना भी छोड़ दिया। उल्टा, उसने अखिलेश को कॉल कर और पैसे मांगने शुरू कर दिए। इस धोखे ने अखिलेश को आर्थिक और मानसिक रूप से तोड़ दिया।
पुलिस में शिकायत, जांच शुरू
अखिलेश ने डीसीपी (अपराध) को शिकायती पत्र सौंपा, जिसमें चेक, स्टांप पेपर और बैंक ट्रांजैक्शन के सबूत दिए। पुलिस ने धारा 420 (धोखाधड़ी), 406 (आपराधिक विश्वासघात), और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज करने की तैयारी शुरू की है। डीसीपी ने जांच के आदेश दे दिए हैं, और अगर गौरव की दोषी भूमिका साबित हुई, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई तय है।
एक सबक, सावधानी की जरूरत
यह मामला न केवल धोखाधड़ी की गंभीरता को दर्शाता है, बल्कि यह भी सिखाता है कि बड़े वित्तीय लेनदेन में कितनी सावधानी बरतनी चाहिए। अखिलेश जैसे मेहनती पुलिसकर्मी का सपना टूटने की यह कहानी हर किसी के लिए एक चेतावनी है। क्या गौरव गुप्ता को उसके कर्मों की सजा मिलेगी? जांच का परिणाम जल्द सामने आएगा।