मुख्यमंत्री ने डॉ. मुखर्जी की पुण्यतिथि पर माल्यार्पण कर दी श्रद्धांजलि, बोले- उनके बलिदान ने जम्मू-कश्मीर को संविधान की मुख्यधारा से जोड़ा
लखनऊ, 23 जून 2025: भारतीय जनसंघ के संस्थापक और ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के स्वप्नदृष्टा डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर सोमवार को लखनऊ में आयोजित पुष्पांजलि कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। सीएम ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनके अदम्य साहस और राष्ट्रभक्ति को नमन किया। इस अवसर पर योगी ने कहा कि डॉ. मुखर्जी ने अपने विजनरी नेतृत्व से देश की औद्योगिक नीति को आकार देने के साथ-साथ राष्ट्रीय एकता और अखंडता के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा, “डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी महान शिक्षाविद, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और सच्चे देशभक्त थे। उन्होंने स्वतंत्र भारत में कैबिनेट मंत्री के रूप में देश को दिशा दी, लेकिन जब तत्कालीन सरकार ने धारा 370 और परमिट सिस्टम के जरिए राष्ट्रीय एकता को चुनौती दी, तो उन्होंने ‘एक देश, एक विधान, एक निशान’ का उद्घोष किया।” योगी ने बताया कि कश्मीर में प्रवेश के दौरान डॉ. मुखर्जी को गिरफ्तार कर लिया गया और 23 जून 1953 को जम्मू-कश्मीर की जेल में उन्होंने अपने प्राणों का बलिदान दे दिया।
सीएम ने जोर देकर कहा कि डॉ. मुखर्जी का सपना 5 अगस्त 2019 को तब साकार हुआ, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में धारा 370 को समाप्त किया गया। उन्होंने कहा, “आज जम्मू-कश्मीर लोकतांत्रिक मूल्यों और भारतीय संविधान की भावना के अनुरूप ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना को साकार कर रहा है। यह डॉ. मुखर्जी के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि है।”
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, महापौर सुषमा खर्कवाल, मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, सूर्य प्रताप शाही सहित कई विधायक और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। कार्यक्रम में डॉ. मुखर्जी के विचारों और उनके बलिदान को याद कर सभी ने उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया।
‘डॉ. मुखर्जी का बलिदान आज भी प्रेरणा स्रोत’
मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. मुखर्जी ने राष्ट्रीय एकता के लिए जो बलिदान दिया, वह आज भी देशवासियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनकी दूरदर्शिता और साहस ने भारत को एकजुट और सशक्त बनाने का मार्ग प्रशस्त किया।