N/A
Total Visitor
29.6 C
Delhi
Tuesday, July 1, 2025

डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बड़ा बयान दिया , कहा 2-18 साल के बच्चों पर स्वदेशी वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है जो कि सितंबर-अक्तूबर तक खत्म हो जाएगा

देश में चल रहे कोरोना टीकाकरण अभियान के बीच एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने आज यानी बुधवार को बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि 2-18 साल के बच्चों पर स्वदेशी वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है जो कि सितंबर-अक्तूबर तक खत्म हो जाएगा। उसके बाद हमारे पास डेटा आ जाएगा। इसके बाद ही हमें इसका अप्रूवल मिल सकता है तब भारत की वैक्सीन भी बच्चों में लग सकती है।

उन्होंने कहा कि बच्चों में कोरोना की बीमारी बहुत हल्की होती है, हमें सबसे पहले बुजुर्गों और जिन्हें पहले से कई बीमारी है उन्हें वैक्सीन लगाना चाहिए। हालांकि बच्चों के लिए अमेरिकी फाइजर वैक्सीन को एफडीए अप्रूवल मिल चुका है और इस वैक्सीन को भारत में आने की अनुमति दी गई है। उन्होंने कहा कि तीसरी लहर की आशंका और बच्चों पर खतरे को देखते हुए फाइजर को एक से दो महीने में मंजूरी मिल सकती है। जिससे जुलाई मध्य या अंत से 12 से 18 साल के बच्चों को वैक्सीन लगाने की संभावना है।  

तीसरी लहर को रोकने के लिए कोरोना नियमों का करें पालन
तीसरी लहर को अगर रोकना है तो ये हमारे हाथ में है। अगर हम कोरोना के नियमों का पालन करेंगे तो वायरस नहीं फैलेगा। मैं सबसे अपील करूंगा कि सभी कोरोना नियमों का पालन करें और  जहां भी कोरोना के मामले ज्यादा हो वहां लॉकडाउन लगाएं तथा सभी वैक्सीन लगाएं।

कोरोना टीके की एक खुराक भी मौत रोकने में प्रभावी : आईसीएमआर
कोरोना वैक्सीन की एक खुराक भी मौत को रोकने में प्रभावी है। वैज्ञानिकों ने सलाह दी है कि टीकाकरण का दायरा तेज होने से बड़ी आबादी में मौत की आशंका को कम किया जा सकता है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और राष्ट्रीय महामारी रोग संस्थान (एनआईई) के संयुक्त अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है। इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में प्रकाशित इस अध्ययन के अनुसार भारत में उच्च जोखिम वाले समूहों में मौतों को रोकने में वैक्सीन प्रभावी है। अध्ययन में निष्कर्ष निकाला है कि एक खुराक देने के बाद 82 फीसदी तक मौत की आशंका को कम किया जा सकता है। जबकि दोनों खुराक लेने के बाद 95 फीसदी तक मौत की आशंका कम हो सकती है। 
कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन जरूरी : स्वास्थ्य मंत्रालय
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहा कि यदि प्रभावी रोकथाम रणनीतियों और कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन किया जाता है तो तीसरी लहर में मामलों की संख्या उस हद तक नहीं होगी कि स्वास्थ्य प्रणाली दबाव में आ जाए।

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि अभी तक भारत की 2.2  फीसदी आबादी इस बीमारी से प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा कि हमें अभी भी जोखिम वाली या अतिसंवेदनशील 97 फीसदी आबादी की रक्षा करने के लिए सावधान बनानी चाहिए। हम अपने सुरक्षा उपायों को कम नहीं कर सकते, इसलिए रोकथाम पर निरंतर ध्यान महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि अगर हम रोकथाम और कोविड के उचित व्यवहार का पालन करते हैं, तो तीसरी लहर भले ही आती है, मामलों की संख्या उतनी नहीं होगी कि स्वास्थ्य प्रणाली दबाव में आ जाए। अग्रवाल ने कहा कि कोविड रोधी टीकाकरण कार्यक्रम में एक चुनौती जिसका सामना करना पड़ रहा है, वह है टीकाकरण को लेकर हिचकिचाहट।

अग्रवाल ने कहा कि कई लाभार्थी, विशेष रूप से ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में, कोविड-19 टीके के बारे में सोशल मीडिया पर साझा किये जाने वाले मिथकों, अफवाहों, गलत सूचनाओं और दुष्प्रचार के कारण टीका नहीं ले रहे है।उन्होंने कहा कि मिथकों का तोड़ना जरूरी है, लेकिन समुदायों को वायरस संचरण श्रृंखला को तोड़ने में कोविड के उचित व्यवहार की भूमिका के बारे में याद दिलाना भी महत्वपूर्ण है।

newsaddaindia6
newsaddaindia6
Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

Advertisement

spot_img

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

2,300FansLike
9,694FollowersFollow
19,500SubscribersSubscribe

Advertisement Section

- Advertisement -spot_imgspot_imgspot_img

Latest Articles

Translate »