अमेरिका एनर्जी डिपार्टमेंट (DoE) ने अमेरिकी कंपनी को भारत में संयुक्त तौर पर न्यूक्लियर पावर प्लांट डिजाइन और निर्माण के लिए अंतिम मंजूरी दे दी है। भारत और अमेरिका के बीच 2007 में सिविल न्यूक्लियर डील हुई थी, जिसके तहत ही 26 मार्च को यह मंजूरी दी गई है।
भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते की रूपरेखा पर 2007 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने हस्ताक्षर किए थे, लेकिन योजनाओं को सही करने के लिए अंततः हरी झंडी मिलने में लगभग 20 सालों की बातचीत, चर्चा, कानूनी और नियामक मंजूरी, टैक्नॉलिजी परमिट, दायित्व खंड और ब्लूप्रिंट को दुरुस्त करने में लग गए।
भारत को परमाणु रिएक्टर कर सकती थीं अमेरिका कंपनियां
अब तक भारत-अमेरिका सिविल परमाणु समझौते के तहत अमेरिकी कंपनियां भारत को परमाणु रिएक्टर और इक्विपमेंट निर्यात कर सकती थीं, लेकिन भारत में न्यूक्लियर इक्विपमेंट के किसी भी डिजाइन कार्य या मैन्युफैक्चरिंग पर रोक थी।