वाराणसी, 26 जुलाई 2025: दालमंडी क्षेत्र में प्रस्तावित सड़क चौड़ीकरण परियोजना के तहत छह ऐतिहासिक मस्जिदों के संभावित विध्वंस को लेकर मुस्लिम समुदाय में चिंता व्याप्त है। मुफ्ती-ए-शहर मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, विपक्ष के नेता राहुल गांधी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और देश के सभी सांसदों को पत्र लिखकर दालमंडी को बचाने की अपील की है।
मुफ्ती ने अपने पत्र में कहा कि दालमंडी, वाराणसी का एक ऐतिहासिक और जीवंत व्यापारिक केंद्र है, जहां विभिन्न समुदाय सद्भाव के साथ व्यापार करते हैं। इस क्षेत्र से करीब 10 हजार परिवारों की आजीविका जुड़ी है। उत्तर प्रदेश सरकार की 220 करोड़ रुपये की परियोजना के तहत 13 फीट चौड़ी गली को 56 फीट तक चौड़ा करने का प्रस्ताव है, जिसके लिए सैकड़ों दुकानों, मकानों और धार्मिक स्थलों को तोड़ा जाना है। मुफ्ती ने चेतावनी दी कि यह कदम आर्थिक मंदी और बेरोजगारी के दौर में स्थानीय लोगों पर गंभीर सामाजिक-आर्थिक प्रभाव डाल सकता है।
वैकल्पिक मार्ग की मांग
मुफ्ती ने बताया कि दालमंडी सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक है और यह क्षेत्र साहित्य, कला और संस्कृति का गढ़ रहा है। उन्होंने सुझाव दिया कि 600 मीटर लंबी इस गली के बजाय 40 मीटर के वैकल्पिक मार्ग पर काम किया जाए, जिससे कम लागत में न्यूनतम तोड़फोड़ के साथ जनहित सुनिश्चित हो। इस क्षेत्र में छह प्राचीन पंजीकृत वक्फ मस्जिदें हैं, जिनके विध्वंस से अल्पसंख्यक समुदाय में असुरक्षा और आक्रोश फैल सकता है।
परियोजना पर रोक की अपील
मुफ्ती ने आरोप लगाया कि यह परियोजना एक विशेष समुदाय के खिलाफ पूर्वाग्रहपूर्ण प्रतीत होती है। उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट ने मस्जिदों और भवन मालिकों को अस्थायी स्थगन आदेश दिया है, जो परियोजना की कानूनी जटिलताओं को दर्शाता है। उन्होंने सरकार से परियोजना को तत्काल स्थगित कर वैकल्पिक मार्ग तलाशने की मांग की है। मुफ्ती ने कहा कि सरकार की संवेदनशीलता और न्यायप्रियता ही दालमंडी की सांस्कृतिक विरासत, आजीविका और सामाजिक सौहार्द को बचा सकती है।