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Saturday, June 21, 2025

वाराणसी के शाही परिवार में विवाद: कोर्ट ने काशी नरेश को दी बहन से दूरी रखने की हिदायत

✍️ विकास यादव

वाराणसी, 28 मार्च 2025, शुक्रवार। वाराणसी, जिसे काशी के नाम से भी जाना जाता है, के शाही परिवार में चल रहा पारिवारिक विवाद एक बार फिर सुर्खियों में है। हाल ही में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सेकेंड संकेत मिश्रा ने काशी नरेश अनंत नारायण सिंह और उनकी पत्नी अनामिका सिंह को अपनी बहन विष्णु प्रिया से दूर रहने का सख्त आदेश दिया है। यह फैसला विष्णु प्रिया द्वारा दायर घरेलू हिंसा के एक मामले में आया, जिसमें उन्होंने अपने भाई और भाभी पर गंभीर आरोप लगाए थे।

घरेलू हिंसा का आरोप और कोर्ट का हस्तक्षेप

विष्णु प्रिया, जो काशी नरेश महाराज डॉ. विभूति नारायण सिंह की बेटी हैं, ने अपने भाई कुंवर अनंत नारायण सिंह और भाभी अनामिका के खिलाफ घरेलू हिंसा से महिलाओं के संरक्षण अधिनियम के तहत शिकायत दर्ज की थी। उनका कहना था कि भाई-भाभी उन्हें रामनगर किले स्थित उनके आवास से जबरन निकालने की कोशिश कर रहे हैं। इतना ही नहीं, विष्णु प्रिया ने यह भी आरोप लगाया कि उनके साथ मारपीट की कोशिश की गई, उनकी संपत्ति पर कब्जे की धमकी दी गई और उनके खिलाफ साजिशें रची गईं।

उन्होंने कोर्ट को बताया कि भाई और भाभी उनके निजी जीवन में दखल दे रहे हैं, उन्हें रिश्तेदारों, कर्मचारियों, डॉक्टरों और यहाँ तक कि पुजारियों से मिलने से भी रोक रहे हैं। इन गंभीर इल्ज़ामों को सुनने के बाद कोर्ट ने साफ निर्देश दिया कि अनंत नारायण और अनामिका विष्णु प्रिया के शांतिपूर्ण जीवन में किसी भी तरह की बाधा न डालें। कोर्ट ने यह भी कहा कि उन्हें किसी भी रूप में – शारीरिक, मानसिक या आर्थिक – प्रताड़ित नहीं किया जाना चाहिए।

पहले भी रहा है विवादों का सिलसिला

यह पहली बार नहीं है जब काशी के शाही परिवार में तनातनी सामने आई हो। साल 2018 में अनंत नारायण ने अपनी दूसरी बहन हरि प्रिया के खिलाफ रामनगर थाने में FIR दर्ज कराई थी। मामला काशी स्टेट के राजकीय चिह्न के दुरुपयोग का था। हरि प्रिया ने अपने बेटे की शादी के निमंत्रण पत्र में इस चिह्न का इस्तेमाल किया था, जिसे अनंत नारायण ने अपना विशेषाधिकार बताते हुए आपत्ति जताई थी। उनका दावा था कि यह चिह्न केवल गद्दीनशीन ही इस्तेमाल कर सकता है और इसे ट्रेडमार्क के रूप में रजिस्टर कराया गया है। उस वक्त भी बहन कृष्ण प्रिया ने भाई पर गंभीर इल्ज़ाम लगाए थे। अनंत नारायण ने यह भी कहा था कि उनके पिता ने 2000 में उनके नाम वसीयत लिखी थी और 2011 में उन्होंने अपनी बहनों से सारे रिश्ते तोड़ लिए थे।

जमीन को लेकर भी हुआ था हंगामा

विवाद यहीं खत्म नहीं हुआ। 2021 में कोदोपुर में एक जमीन की रजिस्ट्री को लेकर भी शाही परिवार में हंगामा मचा था। काशीराज की बेटियों ने इसका विरोध किया और काम रुकवाने की कोशिश की। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था। साथ ही, एक पंपलेट भी जारी किया गया था, जिसमें लोगों से दुर्ग से जुड़ी किसी भी संपत्ति को न खरीदने की अपील की गई थी।

शाही परिवार का अंतहीन झगड़ा

काशी नरेश के परिवार में संपत्ति, अधिकार और रिश्तों को लेकर यह तनाव लंबे समय से चल रहा है। कोर्ट का ताजा फैसला इस कहानी में एक नया मोड़ लेकर आया है, लेकिन यह देखना बाकी है कि क्या यह आदेश शाही परिवार के सदस्यों के बीच शांति ला पाएगा या फिर विवाद की आग को और भड़काएगा। फिलहाल, वाराणसी की जनता और इतिहास में रुचि रखने वाले इस घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं।

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