उत्तरकाशी, 6 अगस्त 2025: धराली में बादल फटने से मची तबाही के बाद अब भटवाड़ी में भारी मलबा गिरने से उत्तरकाशी-ऋषिकेश मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध हो गया है। नालू पानी के पास पहाड़ से गिरे मलबे ने सड़क को ब्लॉक कर दिया, जिससे NDRF, SDRF और ITBP की रेस्क्यू टीमें धराली तक नहीं पहुंच पा रही हैं। भटवाड़ी में करीब डेढ़ सौ मीटर सड़क बह जाने से स्थिति और गंभीर हो गई है। ओंगी-रोड के धंसने का खतरा मंडरा रहा है, जिससे कभी भी संपर्क टूट सकता है।
रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधा, 130 लोग बचाए गए
धराली आपदा में अब तक ITBP, NDRF, SDRF और स्थानीय पुलिस ने मिलकर 130 लोगों को सुरक्षित निकाला है। सूत्रों के अनुसार, 70 से अधिक लोग अभी भी लापता हैं, और यह संख्या 100 से ज्यादा हो सकती है। अब तक 5 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। घायलों के इलाज के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीमें तैनात की गई हैं। राहत कार्यों में तेजी लाने के लिए 2 आईजी, 3 वरिष्ठ IPS और 11 डिप्टी एसपी के नेतृत्व में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। हालांकि, लगातार लैंडस्लाइड और सड़कों के धंसने से रेस्क्यू ऑपरेशन में भारी चुनौतियां आ रही हैं। मनेरी के पास ITBP के जवान भी मार्ग में बड़ी दरारों के कारण फंस गए हैं।
गंगा का जलस्तर चेतावनी रेखा के पार
पहाड़ों और मैदानी इलाकों में मूसलधार बारिश ने हालात को और बिगाड़ दिया है। हरिद्वार में गंगा का जलस्तर चेतावनी रेखा (293 मीटर) को पार कर 293.30 मीटर तक पहुंच गया, जो खतरे के निशान (294 मीटर) के बेहद करीब है। गंगा घाटों को खाली करवाया गया है और निचले इलाकों में रहने वाले ग्रामीणों को सतर्क रहने की चेतावनी दी गई है। मौसम विभाग ने हरिद्वार, नैनीताल और उधम सिंह नगर के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। भारी बारिश के चलते बुधवार को भी जिले के सभी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहेंगे।
मौसम की मार, राहत कार्यों पर संकट
उत्तराखंड में रविवार रात से रुक-रुक कर हो रही बारिश ने तबाही मचा रखी है। मौसम विभाग ने अगले कुछ घंटों में और भारी बारिश की चेतावनी दी है। धराली और भटवाड़ी में सड़कों के अवरुद्ध होने से राहत सामग्री और रेस्क्यू टीमें प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचने में असमर्थ हैं। प्रशासन ने लोगों से सुरक्षित स्थानों पर रहने और नदियों व नालों से दूर रहने की अपील की है।
स्थानीय प्रशासन और रेस्क्यू टीमें हालात पर काबू पाने की पूरी कोशिश कर रही हैं, लेकिन प्रकृति की मार और बिगड़ते हालात राहत कार्यों में बड़ी बाधा बन रहे हैं।