उत्तराखंड में भारी बारिश से नैनीताल जिले में हर ओर तबाही का मंजर है। मंगलवार दोपहर दो बजे तक जिले में 23 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी थी। मृतकों में 16 मजदूर, पांच स्थानीय लोग और दो बच्चे भी शामिल हैं। जबकि भीमताल में एक बच्चे और ओखलकांडा के दूरस्थ गांव थलाड़ी में पांच लोगों के मलबे में दबे होने की सूचना है। झुतिया के पास भूमिया गांव से भी एक बच्चा लापता है।
पहले ही बदहाल संचार व्यवस्था अब पूरी तरह से ठप हो चुकी है। इस कारण प्रशासन व आपदा प्रबंधन के अधिकारी रेस्क्यू टीमों से संपर्क तक नहीं कर पा रहे हैं। नैनीताल जिले के क्वारब में हाईवे निर्माण में लगे दो मजदूरों की टीन शेड पर पहाड़ी से मलबा गिरने से उनकी मौत हो गई। प्रबंधक तैयब खान ने बताया हादसे में हसमूद (40) और इमरान (34) निवासी भोजीपुरा बरेली उत्तर प्रदेश की मौत हो गई है।
रामगढ़ ब्लॉक के झुतिया सुनका में एक बड़ा बोल्डर घर पर गिरने से सड़क निर्माण कार्य में लगे नौ मजदूरों की दबकर मौत हो गई है। प्रधान सुरेश मेर ने बताया गांव तक आने वाली सड़क क्षतिग्रस्त है। जिस मकान में हादसा हुआ वह कभी भी गिर सकता है। इससे और जानें जाने का खतरा है। बिना प्रशासन की मदद के शव नहीं निकाले जा सकते।
मारे गए लोगों के नाम व पते भी अब तक नहीं मिल पाए हैं। झुतिया के पास भूमिया गांव में भी तीन लोगों की मौत हो गई। एक अन्य घटना धारी तहसील के दोषापानी में हुई। यहां भी सड़क निर्माण में लगे पांच मजदूरों की दीवार के नीचे दबने से मौत हो गई। एसडीएम धारी योगेश सिंह ने बताया कि दोषापानी के निकट एक दीवार का निर्माण कर रहे मजदूर झोपड़ी बनाकर रह रहे थे।
भारी बारिश के कारण देर रात झोपड़ी के पीछे की दीवार अचानक भरभरा कर गिर गई। इसमें पांच मजदूरों की मौत हो गई है। एक घायल मजदूर को अस्पताल पहुंचाया गया है। मृतकों की पहचान धीरज कुमार कुशवाहा (24), इम्तियाज (20), जुम्माराती (25) तीनों जिला पश्चिमी चम्पारण बिहार व हरेंद्र कुमार (37) व विनोद कुमार (21) निवासी मधुबनपुर, आम्बेडकरनगर उत्तर प्रदेश के रूप में हुई है। घायल काशीराम (20) निवासी, थाना राठी पश्चिम चम्पारण बिहार को अस्पताल में भर्ती है। जहां उसकी हालत नाजुक बनी है।
कैंची साईं कुटीर के समीप सुरेश चौहान के घर के ऊपर पहाड़ी से मलबा आने से दो बच्चों की मौत हो गई। प्रधान पंकज निगलटिया ने बताया कि रास्ते बंद होने के कारण प्रशासन की टीम भी गांव तक नहीं पहुंच पाई है। वहीं ज्योलीकोट के चोपड़ा गांव में सोमवार देर रात नाले में बहे 32 वर्षीय युवक अजय कुमार का शव मंगलवार को बरामद हुआ है। अजय स्थानीय होटल में काम करता था और भारी बारिश के बीच गांव लौट रहा था। वहीं रामगढ़ को बोहराकोट में दो घरों के ऊपर मलबा गिरने से उद्यान विभाग कर्मी बसंत बल्लभ डालाकोटी व उनके पड़ोसी शम्भू दत्त डालाकोटी बोरा कोट की मलबे में दबने से मौत हो गई।
झुतिया ग्रामसभा के भूमिया गधेरे में बीती रात अचानक एक मकान मलवे में दब गया। ग्रामीणों ने जब सुबह मकान नहीं देखा तो सबके होश उड़ गए। आनन फानन में परिवार की खोजबीन शुरू की। जानकारी के अनुसार झुतिया गधेरे में सालों से रह रहे मोहन राम, उनकी पत्नी दमंती देवी, पुत्र दलीप का घर मलबे में तब्दील हो गया। सामाजिक कार्यकर्ता देवेंद्र मेर ने बताया कि मोहन राम और दमंती देवी का शव दूर नहर में मिला है। पुत्र का कोई सुराग नहीं मिला है। पुलिस प्रशासन को सूचना दी गई है। सड़कें बंद होने से एसडीआरएफ पुलिस भी नहीं पहुंच पा रही हैं।
भवाली। अल्मोड़ा-भवाली हाइवे स्थित कैची साई कुटीर के समीप एक घर में मलवे में दबने से एक परिवार के दो बच्चों की मौत हो गई। चीख पुकार सुन स्थानीय लोग मौके पर पहुँचे। बच्चों के मलवे में दबने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। जानकारी के अनुसार कैची निवासी सुरेश चौहान के घर में बीती रात मलवा घुसने से उनके एक लड़का और लड़की दोनो बच्चों की मौत हो गई।
आनन फानन में चीख पुकार सुन स्थानीय लोग मौके पर पहुँचे लेकिन मलवा अधिक होने से कुछ समझ नही पाए। ग्राम प्रधान पंकज निगलटिया ने बताया कि बारिश के कारण घर मे मलवा घुस गया। जिससे परिवार के तीन लोग मलवे में दब गए। लोगो की मदद से सभी को निकाला जा रहा है। सड़क बंद होने से प्रशासन नही पहुँच पाया है।
लोगो की मदद से सभी को निकालने की कोशिश जारी है। उन्होंने बताया कि उनके दो बच्चो के साथ उनकी एक रिश्तेदार भी मलवे में दबी थी। सामाजिक कार्यकर्ता भुवन तिवारी ने बताया कि दोपहर तक स्थानीय लोगो की मदद से दोनों बच्चों के शव बाहर निकाले गए। अचानक दोनों बच्चों के जाने से घर मे कोहराम मचा हुआ है।
गौला नदी पर बना पुल अतिवृष्टि के कारण एक तरफ का हिस्सा भरभरा का कर टूट गया। खतरे को देखते हुए आवाजाही पूरी तरह से ठप कर दी गई है। मौके पर मौजूद बनभूलपुरा पुलिस के अनुसार मंगलवार तड़के पुल के समीप जवान ड्यूटी पर तैनात थे। जहां अचानक कुछ आवाजें आने लगी। देखा तो गौला पूल का एक हिस्सा भरभरा कर नदी में समा गया। पुलिस ने अब सुरक्षा को देखते हुए दोनों तरफ से आवाजाही पर रोक लगा दी है। पुलिस ने घर पर रहकर सुरक्षित रहने की अपील की है। पुल पहले भी विवादों में रहा है। इसके निमार्ण को लेकर भी सवाल उठते रहे हैं। पुल के ठीक नीचे हो रहा खनन फिर चर्चा में है।
उत्तराखंड के पहाड़ों में पिछले चौबीस घंटे से लगातार हो रही बारिश से काफी नुकसान हुआ है। कोसी नदी का पानी रिपोर्ट में घुसने लगा है। मोहान के पास बने एक रिजॉर्ट में नदी का पानी घुसने से डेढ़ सौ पर्यटक फंस गए हैं। एक दर्जन से अधिक कारें डूबने लगी है। कोतवाल आशुतोष सिंह ने बताया कि मोहान के पास लेमनट्री रिजॉर्ट में रविवार को दिल्ली, यूपी आदि जगहों से रूकने के लिए डेढ़ सौ से अधिक पर्यटक सहित बच्चे आए थे।
बताया कि लगातार हो रही बारिश की वजह से कोसी नदी का पानी रिजार्ट में आ गया। इससे रिजार्ट परिसर में खड़ी कार डूब गई है। जबकि रिजार्ट में पानी अधिक होने से डेढ़ सौ से अधिक पर्यटक रिजार्ट में फंसे हैं। पर्यटकों को निकालने के लिए रामनगर से रेस्क्यू टीम व एक बस भेजी गई है। उन्होंने बताया कि नाले उफान पर आने से एनएच 309 व रामनगर हल्द्वानी मार्ग पर आवाजाही पूरी तरह से बंद की गई है।
उत्तराखंड में भारी बारिश के चलते गौला नदी उफान पर है। गौला नदी के पानी से काठगोदाम रेलवे स्टेशन की पटरियों को नुकसान पहुंचा है काठगोदाम स्टेशन का शंटिंग नेक गौला नदी में समा गया । जिसके चलते काठगोदाम स्टेशन से सुबह तड़के चलने वाली नैनी दून शताब्दी, मुरादाबाद पैसेंजर ट्रेन, संपर्क क्रांति, लखनऊ – काठगोदाम एक्सप्रेस, और शताब्दी का संचालन नहीं हो पाया है। स्टेशन प्रबंधक चयन रॉय ने बताया कि मंगलवार को दोपहर तक काठगोदाम स्टेशन पर कोई गाड़ी आई और ना ही कोई यहां से गई। उन्होंने बताया कि शंटिंग नेट को हुए नुकसान की रिपोर्ट तैयार की जा रही है ताकि उसको जल्द से जल्द दोबारा से बनाया जा सके। उत्तराखंड में भारी बारिश ने तबाही मचाई हुई है।