नई दिल्ली, 12 जून 2025, गुरुवार। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक भावुक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने देश के वंचित समुदायों के छात्रों के सामने खड़ी शिक्षा की बाधाओं को दूर करने की गुहार लगाई है। यह पत्र न केवल समस्याओं का खुलासा करता है, बल्कि उन युवाओं की पुकार है जो बेहतर भविष्य के लिए जूझ रहे हैं।
बिहार के छात्रावास में दर्दनाक हालात
कांग्रेस नेता ने अपने पत्र में बिहार के दरभंगा स्थित अंबेडकर छात्रावास की बदहाली का मार्मिक ज़िक्र किया। हाल ही में अपने बिहार दौरे के दौरान राहुल गांधी इस छात्रावास पहुंचे थे, जहां छात्रों ने अपनी आपबीती सुनाई। एक छोटे से कमरे में 6-7 छात्रों का ठुंसकर रहना, गंदे शौचालय, पीने के लिए असुरक्षित पानी, मेस की कमी, और न तो पुस्तकालय की सुविधा न ही इंटरनेट की उपलब्धता —ये हालात किसी भी छात्र के सपनों को कुचलने के लिए काफी हैं।
छात्रवृत्ति का इंतज़ार, तीन साल से अटका सिस्टम
राहुल गांधी ने पत्र में दो बड़े मुद्दों पर तुरंत कार्रवाई की मांग की है। पहला, दलित, अनुसूचित जनजाति, अति पिछड़ा वर्ग, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समुदायों के लिए बने छात्रावासों की दयनीय स्थिति। दूसरा, पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति में देरी और उसकी विफलताएं। उन्होंने बिहार का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां का छात्रवृत्ति पोर्टल तीन साल तक ठप रहा। 2021-22 में एक भी छात्र को छात्रवृत्ति नहीं मिली, और 2023-24 में दलित छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति की संख्या आधी हो गई—1.36 लाख से घटकर मात्र 69,000। छात्रों का कहना है कि छात्रवृत्ति की राशि इतनी कम है कि वह उनकी ज़रूरतें पूरी करने के लिए अपमानजनक लगती है। यह समस्या सिर्फ बिहार तक सीमित नहीं, बल्कि पूरे देश में फैली है।
राहुल की मांग: ऑडिट और तुरंत सुधार
राहुल गांधी ने सरकार से दो ठोस कदम उठाने की मांग की है। पहला, सभी छात्रावासों का तत्काल ऑडिट करवाया जाए ताकि बुनियादी सुविधाएं जैसे स्वच्छता, भोजन, और शैक्षणिक संसाधन सुनिश्चित किए जा सकें। इसके लिए पर्याप्त फंड भी आवंटित करने की ज़रूरत है। दूसरा, पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति का समय पर वितरण, राशि में बढ़ोतरी, और राज्य सरकारों के साथ मिलकर सिस्टम में सुधार। उन्होंने जोर देकर कहा, “जब तक हमारे हाशिए पर पड़े समुदायों के युवा आगे नहीं बढ़ेंगे, भारत का सपना अधूरा रहेगा।”
पीएम मोदी से उम्मीद
राहुल गांधी ने अपने पत्र में पीएम मोदी से सकारात्मक और त्वरित प्रतिक्रिया की उम्मीद जताई है। यह पत्र सिर्फ एक औपचारिक अनुरोध नहीं, बल्कि उन लाखों छात्रों की आवाज़ है जो शिक्षा के ज़रिए अपने और देश के भविष्य को संवारना चाहते हैं। क्या सरकार इस पुकार को सुनेगी? यह सवाल अब हर उस युवा के मन में है जो शिक्षा के लिए जूझ रहा है।