नई दिल्ली, 29 नवंबर 2024, शुक्रवार। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हिंदू समाज को एकजुट करने के लिए ‘सनातन हिंदू एकता पदयात्रा’ की शुरुआत की थी। यह पदयात्रा 21 नवंबर को बागेश्वर धाम से शुरू हुई थी और ओरछा धाम में समाप्त हुई। इस दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने कई ज्वलंत मुद्दों पर अपनी राय रखी। उन्होंने संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा में जान गंवाने वाले चार युवकों के लिए मुआवजे की मांग को लेकर अपनी राय दी।
उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को मुआवजा देना आतंक को बढ़ावा देना है। उन्होंने यह भी कहा कि कानून पर हाथ उठाना मतलब आतंकवाद करना है। उन्होंने वक्फ बोर्ड को देश तोड़ने के लिए बनाया गया संगठन बताया।
बांग्लादेश में हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी पर धीरेंद्र शास्त्री ने अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि हिंदू होने के नाते इस्कॉन सोसाइटी को चिन्मय दास का समर्थन करना चाहिए। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि इस्कॉन में तो हिंदू रहते हैं ना? चिन्मय दास को इस्कॉन से बेदखल किया ठीक है, पर वह हिंदू तो है ना? हिंदू होने के नाते इस्कॉन को उनका समर्थन करना चाहिए।
उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार और हिंदू संत की गिरफ्तारी पर भारत के स्टैंड की तारीफ की। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बनाना बहुत जरूरी है। क्योंकि भारत ने बांग्लादेश को आजाद कराने में सहयोग किया है। वहां के हिंदुओं को भी अब घरों से बाहर निकलकर शठे शाठ्यं समाचरेत् (जैसे को तैसा जवाब), जैसा व्यवहार करना चाहिए। वर्ना वे खत्म हो जाएंगे।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने वक्फ बोर्ड की आवश्यकता पर सवाल उठाया है। उनका मानना है कि भारत में शिक्षा के लिए वक्फ की जरूरत नहीं है, क्योंकि यहां सरकारी शिक्षा भी मुफ्त है और राशन भी मुफ्त है। उन्होंने यह भी कहा कि वक्फ की आड़ में भूमाफिया बन गए हैं और देश में दंगे कराए जा रहे हैं। उनका मानना है कि वक्फ बोर्ड की आवश्यकता नहीं है और यह देश को तोड़ने के लिए बनाया गया है।