देहरादून, 23 जुलाई 2025: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी ताबड़तोड़ कार्यशैली से एक बार फिर सुर्खियां बटोरीं। बीते दो दिनों में उन्होंने सात विभागों की बैक-टू-बैक समीक्षा बैठकें कीं और ‘गेमचेंजर योजनाओं’ के जरिए गुड गवर्नेंस का साफ संदेश दिया। सीएम धामी ने स्पष्ट किया कि अब समय सिर्फ कागजी कार्रवाई का नहीं, बल्कि जमीन पर ठोस परिणाम देने का है।
तेजी से बदल रहा उत्तराखंड
सीएम धामी की सक्रियता और तेजतर्रार फैसलों ने यह जाहिर कर दिया है कि उनकी सरकार गति, पारदर्शिता और परिणाम आधारित शासन के लिए प्रतिबद्ध है। लोक निर्माण, परिवहन, उद्योग, नागरिक उड्डयन, सूचना प्रौद्योगिकी, शहरी विकास और ग्रामीण विकास जैसे अहम विभागों की समीक्षा के दौरान उन्होंने अधिकारियों को टाइमबाउंड एक्शन प्लान तैयार करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा, “गुड गवर्नेंस हमारा स्लोगन नहीं, बल्कि कार्यसंस्कृति है। यदि योजनाओं की रफ्तार धीमी रही या जनता तक उनका लाभ नहीं पहुंचा, तो जिम्मेदारी तय होगी।” उन्होंने तकनीक आधारित मॉनिटरिंग, बेस्ट प्रैक्टिस और इनोवेशन को अपनाने के साथ-साथ अधिकारियों को फील्ड विजिट और जनता से सीधा संवाद करने का भी निर्देश दिया।
पीएम मोदी के विजन को दे रहे मूर्त रूप
सीएम धामी की यह सक्रियता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस विजन से प्रेरित है, जिसमें उन्होंने इस दशक को ‘उत्तराखंड का दशक’ करार दिया था। धामी सरकार का फोकस विकास, निवेश, पर्यटन और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में उत्तराखंड को राष्ट्रीय स्तर पर रोल मॉडल बनाने पर है।
24 गेमचेंजर योजनाओं पर नजर
प्रदेश को विकसित बनाने के लिए धामी सरकार ने 24 गेमचेंजर योजनाएं चिह्नित की हैं, जिनमें कृषि, पशुपालन, मत्स्य, उद्यान, वन, ग्राम्य विकास, शहरी विकास, पर्यटन, परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा, सिंचाई जैसे क्षेत्र शामिल हैं। इन योजनाओं की प्रगति पर सीएम स्वयं नजर रख रहे हैं।
क्रियान्वयन की राजनीति का नया दौर
सीएम धामी की ताबड़तोड़ बैठकें और समयबद्ध लक्ष्य यह साबित करते हैं कि उत्तराखंड में अब घोषणाओं की नहीं, बल्कि क्रियान्वयन की राजनीति का दौर शुरू हो चुका है। उनकी यह कार्यशैली न केवल अधिकारियों में नई ऊर्जा का संचार कर रही है, बल्कि जनता के बीच भी विश्वास जगा रही है कि उत्तराखंड जल्द ही विकास के नए कीर्तिमान स्थापित करेगा।