रायबरेली 18 अक्टूबर 2024:
गुरुवार को शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर गंगा घाटों पर आस्था का जनसैलाब उमड़ा। हर हर गंगे के जयकारों से घाट गूंजायमान रहे। दूर दराज इलाकों से आकर श्रद्धालुओं ने जिले के गोकना,डलमऊ घाट पर गंगा स्नान किया। स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने गरीबों, ब्राह्मणों को दान-पुण्य किया।
शरद पूर्णिमा पर गंगा स्नान का विशेष महत्व है। मान्यता है। कि इस दिन स्नान करने से भगवान शिव और भगवान श्रीकृष्ण की विशेष कृपा बरसती है। इस मान्यता के चलते पर्व के अवसर पर क्षेत्र के गोकना , बादशाहपुर , पूरे तीर आदि गंगा घाटों पर स्नान के लिए श्रद्धालु उमड़ पड़ी। कई जगह भंडारे में प्रसाद वितरण किया गया। श्रद्धालुओं ने व्रत रखकर मनौतियां मांगी। सुबह से ही श्रद्धालु गोकना गंगाघाट पर श्रद्धालु स्नान को पहुंचने लगे। हर हर गंगे के जयकारों के बीच श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगा रहे थे। गंगास्नान कर श्रद्धालुओं ने मां गंगा का दूध से अभिषेक किया। गंगा मईया की पैरावनी की गई। तमाम श्रद्धालुओं ने भंडारे आयोजित कर लोगों को भोजन कराया। स्नान दान का सिलसिला गुरुवार प्रातःकाल से शुरू होकर अपराह्न बाद तक चलता रहा।
धार्मिक महत्व
गोकना गंगा घाट के वरिष्ठ पुरोहित जितेंद्र द्विवेदी ने बताया कि इस दिन चंद्रमा पृथ्वी के अत्यधिक नजदीक होता है। मां लक्ष्मी खिले कमल पर पद्मासन मुद्रा में बैठती हैं। वेद विद्वान के मुताबिक मां लक्ष्मी के साथ कुबेर भी होते हैं। शरद पूर्णिमा की रात में मां लक्ष्मी के मंत्र का उच्चारण करने से धन की दिक्कत दूर होती है।
वहीं शरद पूर्णिमा की रात को दूध की खीर बनाकर खुले आसमान के नीचे रखने का विशेष महत्व है। खीर पर चंद्रमा से अमृत बरसता है। मान्यता है रातभर चांदनी पडने के बाद इस खीर का सेवन करने से शरीर को आरोग्य मिलता है। शरद पूर्णिमा की रात में रखी हुई खीर का सेवन दमा के रोगियों को काफी लाभकारी माना जाता है।