प्रयागराज, 6 फरवरी 2025, गुरुवार। महाकुंभ में अखाड़ों का प्रस्थान शुरू हो गया है। अखाड़ों ने कढ़ी-पकौड़ी भोज के साथ अपनी-अपनी ध्वजाओं की डोर ढीली करनी शुरू कर दी है। महाकुंभ का मेला 26 फरवरी के स्नान के साथ संपन्न होगा, लेकिन अखाड़ों के लिए प्रस्थान करने का समय आ गया है। अखाड़ों के प्रस्थान के बारे में जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरि ने बताया कि उनके अखाड़े में सात फरवरी को कढ़ी पकौड़ी का भोज होगा, जिसके बाद साधु-संत धर्म ध्वजा की तनी को ढीला कर देंगे और प्रस्थान करना शुरू कर देंगे।
उन्होंने बताया कि साधु संत काशी के लिए प्रस्थान करेंगे, जहां वे महाशिवरात्रि तक प्रवास करेंगे और शोभा यात्रा निकालकर काशी विश्वनाथ का दर्शन करने के बाद मसाने की होली खेलेंगे और गंगा में स्नान करेंगे। इसके बाद वे अपने अपने मठों और आश्रमों के लिए रवाना होंगे। उन्होंने बताया कि इसी तरह, बैरागी अखाड़ों में कुछ साधु-संत अयोध्या चले जाते हैं और कुछ वृंदावन चले जाते हैं जहां वे भगवान राम जी के साथ होली खेलते हैं। वहीं उदासीन और निर्मल अखाड़े के साधु संत पंजाब (आनंदपुर साहिब) चले जाते हैं।
जूना अखाड़ा के श्रीमहंत नारायण गिरि ने बताया कि बसंत पंचमी के बाद माघी पूर्णिमा और महाशिवरात्रि का स्नान आम श्रद्धालुओं के लिए होता है और अखाड़ों के साधु-संत इसके लिए महाकुंभ में नहीं रुकते। इसलिए पूर्णमासी (माघी पूर्णिमा) से पहले सभी साधु-संत यहां से प्रस्थान कर जाएंगे।