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Thursday, April 18, 2024

फिरोजाबाद में डेंगू का प्रकोप ,मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण बेड कम पड़ रहे

फिरोजाबाद में डेंगू और वायरल फीवर का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। राजकीय मेडिकल कॉलेज में बढ़ाए जा रहे संसाधन भी मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण अब कम पड़ रहे हैं। सौ शैय्या अस्पताल में बेड फुल होने के बाद नवनिर्मित बिल्डिंग में 100 पलंग का वार्ड शुरू किया गया था। रविवार को दोपहर तक नया वार्ड भी मरीजों से भर हो गया। नए मरीजों के लिए मेडिकल कॉलेज प्रशासन को वार्ड में पलंग बढ़ाने पड़े। सौ शैय्या अस्पताल और नवनिर्मित बिल्डिंग के वार्ड में 540 मरीज भर्ती हैं।

डेंगू और बुखार प्रभावित इलाकों में चलाए जा रहे विशेष सफाई अभियान के बाद भी इन इलाकों से मरीज कम नहीं हुए हैं। नए मोहल्लों में भी डेंगू और वायरल का असर पहुंच रहा है। शनिवार को मेडिकल कॉलेज में लिए गए 194 सैंपल में 115 मरीजों में डेंगू होने की पुष्टि हुई है। सिर्फ 79 मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आई है।

मेडिकल कॉलेज में आपाधापी की स्थिति
रविवार को मेडिकल कॉलेज में आपाधापी की स्थिति रही। दोपहर तक 102 बाल रोगी नए अस्पताल में भर्ती किए हुए। नए मरीजों का आने का क्रम भी जारी है। सौ शैय्या अस्पताल में सुबह से ही आपाधापी की स्थिति बनी रही। तबियत खराब होने पर परिजन गोद में लेकर बच्चों को दौड़ते नजर आए। कोई दवा के लिए तो कोई प्लेटलेट्स का इंतजाम करने में भागदौड़ करता दिखा। अस्पताल में डाले गए अतिरिक्त पलंग और बेंच भी फुल हो गई हैं। एक पलंग पर दो-दो मरीज भी भर्ती हैं।
राजकीय मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉ. संगीता अनेजा ने कहा कि सौ शैय्या अस्पताल में करीब 540 मरीज भर्ती हैं। नए वार्ड में भी मरीज अधिक हो गए हैं। हम वार्ड की क्षमता को और बढ़वा रहे हैं। हमने नए स्टॉफ को भी ज्वाइन कराया है। ताकि कोई भी मरीज बिना इलाज के न रह जाए।

मुख्यमंत्री से लेकर उच्चाधिकारी तक आए, नहीं सुधरीं व्यवस्थाएं
जिले में बिगड़ते हालात को देखते हुए सौ शैय्या अस्पताल में मुख्यमंत्री से लेकर प्रमुख सचिव, भारत सरकार और प्रदेश की विशेषज्ञ डॉक्टर की टीम दौरा कर चुकी है। मगर किसी ने भी व्यवस्थाओं पर गौर नहीं किया है। मरीज भर्ती के लिए तीमारदारों को फाइल बनाकर गेट पर ही दे दी जाती है।

तीमारदार पहली मंजिल से लेकर तीसरी मंजिल तक मरीज को गोद में उठाए दौड़ता रहता है। मरीज को इधर से उधर भेजा जाता है। सौ शैय्या अस्पताल के पास ही रिकॉर्ड नहीं है कि कौन सा बच्चा कहां भर्ती है। ऐसे में कई अभिभावक बेबस होकर रोते नजर आते हैं।

निजी अस्पताल में अब भर्ती नहीं कर रहे मरीज
शहर के प्रमुख अस्पताल भर्ती मरीजों की संख्या क्षमता से अधिक हो गई है। प्राइवेट अस्पताल नए मरीजों को भर्ती नहीं कर रहे है। तीमारदार मरीज को आगरा, दिल्ली में इलाज कराने को दौड़ रहे हैं।

 

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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