अभिनेत्री आलिया भट्ट(Alia Bhatt) की फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी'(Gangubai Kathiawadi) का जब से ऐलान हुआ है, तभी से फिल्म किसी न किसी वजह से सुर्खियों में बनी हुई है। बीते दिनों फिल्म का टीजर रिलीज होने के बाद फिल्म चर्चा में थी और अब आलिया भट्ट के साथ ही फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली और राइटर को मझगांव कोर्ट की ओर से समन जारी हुआ है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल याचिकाकर्ता बाबू रावजी शाह (गंगूबाई काठियावाड़ी का बेटा) का कहना है कि ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ के चलते उनके परिवार की बदनामी हो रही है। इसके साथ ही फिल्म में कई तथ्य गलत दिखाए जाने की भी बात कही गई है। ऐसे में अब आलिया, भंसाली के साथ ही फिल्म के लेखक को भी मझगांव कोर्ट ने समन जारी किया है। इन सभी को 21 मई को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया है।
शहर की छवि होगी खराब
याद दिला दें कि इससे पहले महाराष्ट्र कांग्रेस के विधायक अमीन पटेल ने फिल्म का नाम बदलने की मांग की थी। अमीन का कहना है कि इस फिल्म की वजह से कमाठीपुरा के वास्तविक इतिहास को खराब करने की कोशिश की जा रही है। इससे कमाठीपुरा के लोगों के भावनाएं आहत होंगी और ये आगे आने वाली पीढ़ियों के लिए भी हानिकारक होगा। बता दें कि फिल्म 30 जुलाई को रिलीज होगी।
विवाद और संजय लीला भंसाली
गौरतलब है कि ऐसा पहली बार नहीं है जब संजय लीला भंसाली की किसी फिल्म को लेकर विवाद देखने को मिल रहा है। इससे पहले फिल्म पद्मावत को लेकर भी खूब बवाल देखने को मिला था। एक ओर जहां संजय पर हमला हुआ था तो वहीं उन पर करणी सेना ने इनाम की भी घोषणा कर दी थी। फिल्म का नाम भी बदला गया था, हालांकि आखिरकार सब ठंडा पड़ गया और फिल्म से किसी को कोई आपत्ति नहीं रही।
कौन थी गंगूबाई
लेखक एस हुसैन जैदी की किताब ‘माफिया क्वीन्स ऑफ मुंबई’ के मुताबिक गंगूबाई गुजरात के काठियावाड़ की रहने वाली थीं, जिसके चलते उनको गंगूबाई काठियावाड़ी कहा जाता है। गंगूबाई काठियावाड़ी का असली नाम गंगा हरजीवनदास काठियावाड़ी था। गंगूबाई बचपन में अभिनेत्री बनना चाहती थीं। करीब 16 साल की उम्र में गंगूबाई को अपने पिता के अकाउंटेंट से प्यार हो गया और शादी करके वह मुंबई भाग गईं। बड़े- बड़े सपने देखने वाली गंगूबाई को उनके पति ने धोखा देकर महज 500 रुपये में कोठे पर बेच दिया।
गंगूबाई के साथ बलात्कार
पति के सौदेबाजी की वजह से कम उम्र में ही गंगूबाई वेश्यावृत्ति में पहुंच गईं, जिसके चलते बाद में कई कुख्यात अपराधी गंगूबाई के ग्राहक बने। किताब में बताया गया है कि लाला की गैंग के एक सदस्य ने गंगूबाई के साथ बलात्कार किया था। इसके बाद इंसाफ की मांग के लिए गंगूबाई करीम लाला से मिलीं और राखी बांधकर अपना भाई बना लिया। करीम लाला की बहन होने के चलते जल्दी ही कमाठीपुरा की कमान गंगूबाई के हाथ में आ गई। ऐसा कहा जाता है कि गंगूबाई किसी भी लड़की को उसकी बिना मर्जी के कोठे में नहीं रखती थीं। गंगूबाई ने सेक्स वर्कस और अनाथ बच्चों की मदद के लिए बहुत काम किए थे।