N/A
Total Visitor
29.6 C
Delhi
Tuesday, June 24, 2025

दिल्ली : हड़ताल के चलते कहीं ओपीडी तो कहीं इमरजेंसी तक में मरीजों को इलाज नहीं मिला

नीट पीजी काउंसलिंग में देरी होने के चलते डॉक्टरों का गुस्सा अब आम मरीजों के लिए काफी नुकसानदायक हो चुका है। सोमवार को हड़ताल के चलते कहीं ओपीडी तो कहीं इमरजेंसी तक में मरीजों को इलाज नहीं मिला। दिल्ली के ज्यादातर अस्पतालों में मरीजों को उपचार के लिए धक्के खाने पड़े। इनमें से अगर एम्स को छोड़ केंद्र के दूसरे अस्पतालों की बात करें तो यहां सबसे बुरे हालात नजर आए हैं। सफदरजंग, आरएमएल और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के अलावा रेलवे अस्पताल में ओपीडी और आपातकालीन वार्ड में स्वास्थ्य सेवाएं काफी बाधित हुई हैं।

एक अनुमान के अनुसार डॉक्टरों की हड़ताल के चलते करीब एक हजार से अधिक ऑपरेशन टालने पड़ गए। वहीं पांच से अधिक मरीजों की अलग अलग अस्पतालों की इमरजेंसी मौतें दर्ज की गई हैं। इनमें से एक महिला मरीज की मौत सफदरजंग अस्पताल में हुई जिनके तिमारदारों का आरोप है कि डॉक्टरों ने मरीज का कई घंटे तक इलाज नहीं किया जिसके चलते मरीज की मौत हो गई। हालांकि दिल्ली सरकार के अस्पतालों पर हड़ताल को थोड़ा बहुत असर देखने को मिला है। लोकनायक और जीटीबी अस्पताल में ओपीडी में केवल वरिष्ठ डॉक्टर ही तैनात थे। यहां इमरजेंसी सेवाएं बाधित नहीं हुईं। बहरहाल डॉक्टरों की यह हड़ताल मंगलवार को भी जारी रह सकती है जिसके चलते मरीजों को और अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

स्वास्थ्य महानिदेशक भी हुए फेल
ओपीडी के अलावा इमरजेंसी सेवाओं से भी पीछे हटने की चेतावनी मिलने के बाद सोमवार सुबह आरएमएल अस्पताल में स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. सुनील कुमार पहुंचे। यहां उन्होंने देखा कि आपातकालीन वार्ड में भी मरीजों को इलाज लेने में दिक्कतें हो रही हैं। इसके चलते उन्होंने डॉक्टरों से हड़ताल खत्म करने की अपील की लेकिन रेजीडेंट डॉक्टरों ने मांग पूरी होने के बाद ही विरोध वापस लेने का फैसला लिया। अकेले सफदरजंग, आरएमएल, लेडी हार्डिंग के कलावती सरन और सुचेता कृपलानी अस्पताल के साथ साथ रेलवे में कार्यरत करीब चार हजार रेजीडेंट डॉक्टर हड़ताल पर थे। जबकि दिल्ली सरकार और निगम के अस्पतालों में कार्यरत रेजीडेंट डॉक्टरों की संख्या इनसे अलग हैं।

newsaddaindia6
newsaddaindia6
Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

Advertisement

spot_img

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

2,300FansLike
9,694FollowersFollow
19,500SubscribersSubscribe

Advertisement Section

- Advertisement -spot_imgspot_imgspot_img

Latest Articles

Translate »