कठोर जलवायु और भौगोलिक परिस्थितियों वाले सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रक्षा मंत्रालय ने एक नई पहल शुरू की है। देशभर में ऐसे 75 स्थानों पर बीआरओ कैफे स्थापित करने को मंजूरी दी गई है। इसमें केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में 12 और लद्दाख में 14 समेत कुल 26 बीआरओ कैफे खोले जाने हैं। बीआरओ कैफे यात्रा मार्ग को और आसान बनाएंगे। साथ ही पर्यटकों को बेहतरीन सुविधाएं भी मिलेंगी।
फूड प्लाजा तथा रेस्तरां में स्थानीय व्यंजनों के साथ ही प्रचलित खान पान की सामग्री मिलेगी। रक्षा मंत्रालय के आधिकारिक बयान में बताया गया है कि मंत्रालय ने सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के साथ 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 75 स्थानों पर वेसाइड एमेनिटीज की स्थापना को मंजूरी दी है।इनका उद्देश्य पर्यटकों को बुनियादी सुविधाएं देना है। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सकेगा। साथ ही सीमावर्ती क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
देशभर में 75 जगहों पर सड़क किनारे बनने वाले वेसाइड एमेनिटीज को बीआरओ कैफे के रूप में ब्रांडेड किया जाएगा, जहां पर्यटकों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इन वेसाइड एमेनिटीज को लाइसेंस के आधार पर एजेंसियों के साथ सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड में विकसित और संचालित किया जाएगा। इन्हें बीआरओ के दिशा-निर्देशों के अनुसार डिजाइन, निर्माण और संचालन किया जाएगा।
बीआरओ कैफे में पर्यटकों को दो व चार पहिया वाहनों के लिए पार्किंग, फू ड प्लाजा, रेस्तरां, पुरुषों-महिलाओं और विकलांगों के लिए अलग टॉयलेट, प्राथमिक चिकित्सा सुविधाएं, एमआई रूम आदि जैसी सुविधाएं प्रदान करने का प्रस्ताव है। इसके लिए लाइसेंसधारकों का चयन प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा।
जम्मू-कश्मीर में 12 सड़क खंडों को चुना गया है। इनमें टीपीए, त्रगबल, हुसैनगांव, केएम 95, केएम 117.90, केएम 58, गल्हर, सियोट, बथुनी, बुधल, कपोथा और सुरनकोट शामिल हैं।