पुंछ में छह दिन पहले सैन्य वाहनों पर हुए आतंकी हमले के मामले में सुरक्षा बलों ने मंगलवार को 15 और लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। इस बीच पुंछ दौरे से लौटे सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने दिल्ली में राष्ट्रपति द्राैपदी मुर्मू से मिलकर उन्हें पूरी रिपोर्ट सौंपी।
उधर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जमीनी हकीकत की जानकारी लेने बुधवार को जम्मू आएंगे। वह राजोरी का भी दौरा करेंगे। इसके साथ ही राजभवन जम्मू में उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक करेंगे। वह जम्मू में 16वीं कोर मुख्यालय में भी सैन्य कमांडरों के साथ बातचीत करेंगे। पुंछ हमले में चार जवानों के बलिदान के बाद उनका यह दौरा महत्वपूर्ण माना जा रहा है। राजोरी-पुंछ में सुरक्षा ग्रिड को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों को इलाके में भेजा गया है।
पुंछ जिले की सुरनकोट तहसील के देहरागली के सावनी गली क्षेत्र में छह दिन पहले 21 दिसंबर को दो सैन्य वाहनों पर घात लगा कर किए गए हमले के मामले में आतंकियों का सुराग लगाने के लिए सुरक्षा बलों का ऑपरेशन छठे दिन जारी रहा। इस दौरान हमले में शामिल आतंकियों को मदद पहुंचाने वालों का पता लगाने के लिए सेना ने 15 संदिग्धों को हिरासत में लिया है। इन पर आतंकियों की किसी न किसी प्रकार से मदद करने का शक है।
सूत्रों के अनुसार, सुरक्षाबलों ने देहरागली आतंकी हमले के मामले में पांच किलोमीटर की परिधि में आने वाले गांवों के 15 और संदिग्ध लोगों को पूछताछ के लिए उठाया है ताकि हमले में शामिल दहशतगर्दों का सुराग मिल सके। इससे पहले आतंकी हमले के अगले दिन ही सुरक्षाबलों ने घटना स्थल के निकटवर्ती गांव सावनी और टोपापीर से 20 संदिग्धों को पूछताछ के लिए उठाया था। इनमें से तीन लोगों की स्थितियों में मौत हो गई थी। इस पर संदिग्धों को हिरासत में लेने का काम रोक दिया गया था, जिसे मंगलवार को फिर शुरू किया गया। गौरतलब है कि इसी वर्ष अप्रैल महीने में पुंछ जिले के भाटादूडियां में सैन्य वाहन पर हमले में पांच जवानों के बलिदान के बाद सुरक्षा बलों ने करीब सौ संदिग्धों से पूछताछ की थी। इसमें यह पता लगा था कि हमले में शामिल आतंकियों ने गांव गुरसाई में दो महीने तक एक गुप्त ठिकाने पर पनाह ली थी और गांव के दो लोगों ने उन्हें हर प्रकार का सहयोग दिया था।
1.26 करोड़ की आबादी को 20-25 आतंकी नहीं डरा सकते : सिन्हा
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की 1.26 करोड़ से ज्यादा बड़ी आबादी को 20 से 25 आतंकी नहीं डरा सकते। समाज को ऐसे लोगों के खिलाफ एक साथ खड़े होने की जरूरत है। राष्ट्र जम्मू-कश्मीर में शांति व विकास लाने का संकल्प लेता है। अब इन अराजकतावादियों के खिलाफ एक साथ खड़े होने का समय है। वह मंगलवार को साहिबजादों के शहीदी दिवस पर भगवती नगर के जेडीए मैदान में विशेष गुरुमत समागम में बोल रहे थे।
बलिदानी बिहार के लाल की अंतिम विदाई में उमड़ा जनसैलाब
जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में आतंकवादियों से लड़ते हुए बलिदान होने देने वाले सेना के जवान चंदन कुमार का उनके पैतृक गांव बिहार के नारोमुरार में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। ग्रामीणों ने उन्हें नम आंखों से विदाई दी। इस दौरान उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटे थे। इससे पहले, शहीद का पार्थिव शरीर सोमवार रात करीब साढ़े आठ बजे उनके गांव पहुंचा। बेटे के निधन की खबर मिलने के बाद से ही उनके माता-पिता, पत्नी सहित परिवार के अन्य सदस्यों का रो-रो कर बुरा हाल था। जयंती देवी और मौलेश्वर सिंह के दूसरे बेटे चंदन का 18 माह पहले ही विवाह हुआ था। वह परिवार में कमाने वाले एकमात्र सदस्य थे। उनका अंतिम संस्कार बीती देर रात करीब दो बजे किया गया। छोटे भाई अभिनंदन कुमार ने उन्हें मुखाग्नि दी। चंदन 2017 में सेना में शामिल हुए थे।