नई दिल्ली, 29 मार्च 2025, शनिवार। देश के गृहमंत्री अमित शाह एक बार फिर नक्सलवाद के खिलाफ जंग को तेज करने के लिए तैयार हैं। आगामी 4 और 5 अप्रैल को वे छत्तीसगढ़ का दौरा करने वाले हैं, जहाँ वे नक्सलमुक्त भारत के अपने संकल्प को और मजबूत करेंगे। सूत्रों की मानें तो 5 अप्रैल को शाह दंतेवाड़ा में एडवांस पोस्ट का दौरा करेंगे और नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे अभियान का जायजा लेंगे। इसके बाद वे राज्य में इस खतरे को जड़ से खत्म करने के लिए शुरू किए गए ऑपरेशन की समीक्षा भी करेंगे। इस दौरान छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री, नक्सल प्रभावित राज्यों के पुलिस अधिकारी, अर्धसैनिक बलों के जवान और इस मिशन से जुड़े तमाम अधिकारियों के साथ उनकी अहम बैठक होगी। शाह का लक्ष्य साफ है—31 मार्च 2026 तक भारत को नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त करना।
सुकमा में नक्सलियों पर करारा प्रहार
हाल ही में छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के खिलाफ एक बड़ी जीत हासिल की। 28 मार्च को डीआरजी और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम नक्सल विरोधी अभियान पर निकली थी। अगले दिन सुबह नक्सलियों के साथ हुई भीषण मुठभेड़ में 16 नक्सली ढेर कर दिए गए। यह ऑपरेशन न केवल सुरक्षाबलों की बहादुरी का सबूत है, बल्कि नक्सलवाद के खिलाफ सरकार की मजबूत रणनीति का भी प्रतीक है।
नक्सलवाद पर एक और प्रहार – अमित शाह
इस कामयाबी पर गृहमंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा, “नक्सलवाद पर एक और प्रहार! सुकमा में हमारे सुरक्षा बलों ने 16 नक्सलियों को मार गिराया और भारी मात्रा में हथियार बरामद किए।” शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश को 31 मार्च 2026 से पहले नक्सलमुक्त बनाने की प्रतिबद्धता दोहराई। साथ ही, हिंसा का रास्ता छोड़ने की अपील करते हुए उन्होंने कहा, “हथियार और खूनखराबे से बदलाव नहीं आता। शांति और विकास ही असली रास्ता है।”
पहले भी मिली बड़ी सफलताएँ
यह पहला मौका नहीं है जब सुरक्षाबलों ने नक्सलियों को सबक सिखाया हो। इसी महीने 20 मार्च को बीजापुर और कांकेर में दो अलग-अलग ऑपरेशनों में 22 नक्सली मारे गए थे। वहीं, बीजापुर-दंतेवाड़ा सीमा पर हुई एक अन्य मुठभेड़ में 30 नक्सलियों का सफाया किया गया था। इन लगातार सफलताओं ने नक्सलियों के हौसले पस्त कर दिए हैं और सरकार के संकल्प को मजबूती दी है।
कब तक नक्सलमुक्त होगा भारत?
अमित शाह ने नक्सलवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए इसे देश से खत्म करने का साफ रोडमैप तैयार किया है। छत्तीसगढ़ में चल रहे सर्च अभियानों और सुरक्षाबलों की ताकत से यह साफ हो रहा है कि नक्सलवाद अब अपने अंतिम पड़ाव पर है। शाह का दावा है कि अगले साल 31 मार्च से पहले भारत इस समस्या से पूरी तरह मुक्त हो जाएगा।
नक्सलवाद के खिलाफ यह जंग न सिर्फ सुरक्षा बलों की बहादुरी की कहानी है, बल्कि शांति और विकास की एक नई उम्मीद भी जगाती है। क्या वाकई भारत जल्द ही नक्सलमुक्त हो पाएगा? यह समय और सरकार की रणनीति ही बताएगी, लेकिन अभी के लिए यह तय है कि नक्सलियों के दिन अब गिने-चुने ही बचे हैं।